ऑस्ट्रेलिया

ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने 8 फ़रवरी 2010 को श्रीलंका के खिलाफ़ प्रेमदासा स्टेडियम में अपने वन-डे करियर का आगाज़ किया था. विराट कोहली की अगुआई में 2008 का अंडर-19 विश्व-कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे रविंद्र जडेजा को भारत की राष्ट्रीय टीम में बतौर एक बॉलिंग ऑलराउंडर मौका दिया गया था.

जडेजा के करियर में आए तमाम उतार-चढ़ाव के बीच एक सवाल भी उनको लेकर लगातार बन रहा था. सवाल यही कि क्या जडेजा भारतीय टीम में परिपक्व ऑलराउंडर की जगह को भर पाएंगे. बीते कुछ समय से अपने शानदार प्रदर्शन से जडेजा ने कहीं न कहीं इस सवाल का जवाब ज़रूर दिया है.

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बल्लेबाज़ी में निरंतरता

रविंद्र जडेजा

रविंद्र जडेजा ने अपने 11 साल के वन-डे करियर में कुल 167 मैचों की 112 पारियों में 31.69 के औसत से कुल 2345 रन बनाए हैं. जडेजा ने नंबर 6 पर एक तेज़ी से खेलने वाले बल्लेबाज़ की कमी को काफ़ी हद तक पूरा किया है. कई बड़े मैचों में जडेजा ने भारतीय टीम के लिए बल्लेबाज के तौर पर अपनी अहमियत साबित की है.

उन्होंने अपने करियर 12 अर्धशतक लगाते हुए कई मैचों में टीम को परेशानी से बाहर निकाला है. जडेजा की बल्लेबाज़ी की एक खासियत ये भी है कि वो स्पिन और तेज़, दोनों ही गति के गेंदबाज़ों को बहुत बेहतरीन तरीके से मैदान के हर कोने में खेलते हैं.

गेंदबाज़ी में विश्वसनीयता

भारतीय टीम के सबसे बड़े सवाल का जवाब है रविन्द्र जडेजा, जानिए क्या है उसकी वजह 1

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अब चूंकि जडेजा बॉलिंग ऑलराउंडर के तौर पर टीम में हैं, तो उनकी गेंदबाज़ी की चर्चा भी बेहद ज़रूरी हो जाती है. उन्हें अपने करियर के 167 मैचों की 163 पारियों में गेंदबाज़ी का मौका मिला है. इन मैचों में जडेजा ने  4.92 के सस्ते इकॉनोमी रेट से कुल 187 विकेट लिए हैं.

जडेजा ने अपनी गेंदबाज़ी से कई अहम मैचों में बड़ी होती साझेदारियों को तोड़ कर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई है. अपनी गेंदबाज़ी के ही दम पर वो 2013 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में गोल्डन बॉल भी हासिल कर चुके हैं. अपने वन-डे करियर में जडेजा 7 बार एक पारी में 4 विकेट ले चुके हैं.

फ़ील्डर के तौर पर योगदान

भारतीय टीम के सबसे बड़े सवाल का जवाब है रविन्द्र जडेजा, जानिए क्या है उसकी वजह 2

सिर्फ़ गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी नहीं बल्कि सौराष्ट्र के  इस 31 वर्षीय ऑलराउंडर ने भारतीय टीम के लिए फ़ील्डिंग में  बेहतरीन योगदान दिया हैं. ऐसे कई मौके आए जब अपनी शानदार और तेज़ तर्रार फ़ील्डिंग के दम पर जडेजा ने मैच की दिशा ही बदल दी. तीनों ही विभागों में जडेजा के प्रदर्शन के इस आकलन के बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि वो भारतीय टीम में एक परिपक्व ऑलराउंडर की जगह को बखूबी भर सकते हैं.

Umesh Sharma

Everything under the sun can be expressed in written form. So, I am practicing the same since the time I hold my consciousness and came to know pen and paper. Apart from being a Writer, Journalist, or...