भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों पहले टी-20 में विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. लोग भारत की इस हार का जिम्मेदार एमएस धोनी को बता रहे हैं, क्योंकि एमएस धोनी ने 37 गेंदों पर 29 रन की बहुत धीमी पारी खेली थी. वहीं उन्होंने अंत में स्ट्राइक भी रोटेट भी नहीं की थी. इसी बीच अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने एमएस धोनी का बचाव किया है.
धोनी अंत तक खेलकर हमें देना चाहते थे फाइटिंग स्कोर
जसप्रीत बुमराह ने धोनी की धीमी पारी को लेकर कहा, “धोनी मैच को अंत तक ले जाने की कोशिश कर रहे थे. वह हमें एक फाइटिंग स्कोर तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे थे. जिसके लिए वह ज्यादा से ज्यादा स्ट्राइक अपने पास रखना चाहते थे.”
15-20 रन कम रहे
जसप्रीत बुमराह ने आगे कहा, “मुझे लगता है, कि शायद हम 15-20 रन कम रह गए, लेकिन फिर भी हमने एक अच्छी फाइटिंग दी. 140-145 के आसपास का स्कोर इस विकेट पर बहुत अच्छा होता, क्योंकि इस विकेट पर कोई उछाल नहीं था और बड़े शॉट खेलना मुश्किल था. इसलिए ऐसे विकेटों में लक्ष्य का पीछा करना हमेशा कठिन होता है.
शायद जीत-हार का अंतर यह भी हो सकता है, कि हम पहले बल्लेबाजी कर रहे थे और एक अच्छा स्कोर बनाने के लिए जोखिम उठा रहे थे, क्योंकि हमें पता नहीं था, कि इस विकेट पर अच्छा स्कोर क्या हैं ? लेकिन उनके सामने एक लक्ष्य निर्धारित था और वह उसी के हिसाब से स्ट्राइक रोटेट करते हुए खेल रहे थे. जिससे उन्हें लक्ष्य हासिल करने में कामयाबी मिल पाई है, लेकिन अंत में, यह एक अच्छा मैच था.”
मैक्सवेल टी-20 स्पेशलिस्ट बल्लेबाज
बुमराह ने मैक्सवेल को लेकर कहा, “मैक्सवेल हमेशा से ही, खेल के इस प्रारूप में, बहुत अधिक स्वतंत्रता के साथ खेलता है. छोटे प्रारूप में, आप अपने आप को व्यक्त कर सकते हैं और जब आपके पास इस तरह का एक छोटा लक्ष्य होता है, तो यह उसके लिए और अच्छा था.
वह एक चौका लगा रहे थे और स्ट्राइक रोटेट करने की कोशिश कर रहे थे. वह उन योजनाओं के बारे में स्पष्ट थे जिन्हें वे निष्पादित करना चाहते थे.”
अपनी ताकत पर ध्यान केन्द्रित करता
बुमराह ने अपनी गेंदबाजी को लेकर कहा, “बहुत कुछ नहीं, मैं सिर्फ इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं कि मेरी ताकत क्या है? विकेट पर बल्लेबाजी करना थोड़ा मुश्किल था, इसलिए मैं सिर्फ अपने विकल्पों का पता लगा रहा था, कि मुझे क्या करना चाहिए और मैं उस पर अमल करने की कोशिश कर रहा था.”
अंतिम ओवर किसी के लिए भी आसान नहीं
बुमराह ने अपनी गेंदबाजी को लेकर कहा, “खेल अगर अंतिम ओवर में जाता है, तो दोनों टीमों के पास मैच जीतने का बराबर का मौका होता है. आपकों अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना होता हैं और योजना के तहत गेंदबाजी करनी होती है. हालाँकि, कुछ दिन यह काम करता है, कुछ दिन काम नहीं करता है. किसी भी परिस्थिति में डेथ बॉलिंग एक कठिन काम होता है.”
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