तीसरे टेस्ट के बीच ही मुसीबत में फँसा झारखंड क्रिकेट संघ, हो सकती है कठोर कार्यवाही 1

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर- गावस्कर सीरीज का तीसरा मैच रांची में खेला जा रहा है. रांची का स्टेडियम झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के अंडर आता है. रांची के स्टेडियम में यह पहला टेस्ट मैच खेला जा रहा था, इसलिए झारखंड क्रिकेट संघ ने इस टेस्ट मैच की जो टिकेट बनायी थी, उसमें इस संघ की फाउंडेशन डेट भी लिखी थी. रांची में महेंद्र सिंह धोनी के घर की कुछ इनसाइड तस्वीरे आई सामने, बना रहा है नया फार्म हाउस

झारखंड राज्य क्रिकेट संघ ने इस टिकेट पर 1935 की तारीख़ लिखी थी, जिससे बिहार क्रिकेट संघ के सचिव आदित्य वर्मा खुश नहीं है और उन्होंने इस पर निराशा जताते हुए कहा है, “झारखंड राज्य क्रिकेट संघ बीसीसीआई में 2003 में आया था, तो उन्होंने टिकेट पर 1935 की डेट क्यों लिखी है, जबकि यह सबको पता है, कि झारखंड क्रिकेट संघ और बिहार क्रिकेट संघ अभी भी अलग है.”

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तीसरे टेस्ट के बीच ही मुसीबत में फँसा झारखंड क्रिकेट संघ, हो सकती है कठोर कार्यवाही 2

हम आपको बतादे, कि बिहार क्रिकेट संघ को बीसीसीआई ने 1935 में स्वीकार किया था, लेकिन 2003 में जब झारखंड क्रिकेट संघ आया, तब बीसीसीआई ने इसे स्वीकार किया और उसे खुद से अलग कर दिया. राँची टेस्ट में चोट से वापसी करते ही मुरली विजय ने बना डाला बड़ा रिकॉर्ड

आदित्य वर्मा का जवाब देते हुए, झारखंड क्रिकेट संघ के सचिव देबाशीष चक्रबर्ती ने कहा, “2003 में जब बीसीसीआई ने झारखंड क्रिकेट संघ को स्वीकार किया और बिहार क्रिकेट संघ को बेदखल किया, उसके बाद इस क्षेत्र में सिर्फ एक ही क्रिकेट बॉडी बची और वह झारखण्ड क्रिकेट संघ के नाम से है और यह पुरानी बॉडी के विस्तार की तरह है. इसलिए हमने अपने संघ की फाउंडेशन डेट पर 1935 लिखा है.”

देबाशीष चक्रबर्ती की इस बात का जवाब देते हुए आदित्य वर्मा ने कहा, “बिहार क्रिकेट संघ की बॉडी से झारखंड क्रिकेट संघ की बॉडी बहुत छोटी है, इसलिए आप इसे इसकी बॉडी का विस्तार रूप नहीं कह सकते. आप केवल झारखंड राज्य में क्रिकेट चला रहे हो और बिहार बिलकुल अलग है.”   रांची टेस्ट में तिरंगे रंग में रंगे फैन्स

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