IND vs NZ Test Series: टीम इंडिया (Team India) और न्यूजीलैंड (Newzealand) के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत 25 नवंबर (गुरुवार) से कानपुर में हो गया है. दोनों टीमें के बीच सीरीज का पहला मुकाबला ग्रीन पार्क में खेला जा रहा है जहां भारतीय कप्तान ने टॉस जीत कर पहले बैटिंग करने का फैसला किया. वहीं, बाद में बैटिंग करने के नाम से ही कीवी टीम के हाथ पांव फूलने लगा है.
चुनौतीपूर्ण है भारतीय दौरा
टीम इडिया में टेस्ट सीरीज खेलने पहुंची न्यूजीलैंड के लिए ये दौरा काफी चुनौतीपूर्ण होने वाला है. इस बात की पुष्टि खुद न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन (Kane Williamson) ने कहा है. मैच शुरू से पहले उन्होंने कहा कि विश्व कप के बाद यह एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्यक्रम है और यह हमारे नियंत्रण से बाहर की चीजें हैं. कानपुर की पीच को देखते हुए केन विलियमसन का कहना है कि उनकी टीम को भारतीय स्पिनर्स को खेलने के लिए एक अलग तरीके से खेलना पड़ेगा. टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों के बीच इस बात की चर्चा भी हुई है.
स्पिन के खिलाफ अलग रणनीति
भारतीय कंडीशन, खासकर कानपुर के पिच को देखते हुए केन विलियमसन ने कहा कि हम भारतीय स्पिन गेंदबाजों की ताकत को जानते हैं, उन्होंने यहां लंबे समय से शानदार गेंदबाजी की है. कीवी कप्तान ने अपनी रणनीति पर बात करते हुए कहा कि स्पिनरों का एक अलग तरीके से सामना करना पड़ेगा. टेस्ट मैच में अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए स्कोर करने के लिए साझेदारी पर फाकस करना होगा. विलियमसन का मानना है कि हर खिलाड़ी अलग है, इसलिए उनके तरीके एक-दूसरे से थोड़े अलग होंगे लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ चुनौतियों के लिए जितना संभव हो सके कोशिश करने और तैयारी करने की जरूरत है. हम जानते है कि हम उन्हें खेलने जा रहे हैं.
2016 में कहर बनकर टूटे थे अश्विन-जडेजा
बता दें कि न्यूजीलैंड टीम के खिलाफ भारतीय स्पिनरो का बोलबाला रहा है. न्यूजीलैंड की टीम भारतीय दौरे पर आखिरी बार टेस्ट सीरीज खेलने के लिए 2016 में आई थी. उस दौरे पर भारत के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन ने 27 विकेट और रविंद्र जडेजा ने 14 विकेट चटकाए थे. दोनों स्पिनरों की शानदार गेंदबाजी की बदौलत न्यूजीलैंड की टीम को 3-0 से करारी हार का सामना करना पड़ा था.
ग्रीन पार्क की पिच पर नहीं है घास
वहीं, कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम के स्थानीय क्यूरेटर शिव कुमार ने पिच के बारे में जानकारी दी है. उनका कहना है कि इस मैदान की पिच पर घास नहीं है लेकिन इसके टूटने (ज्यादा दरार पड़ने) की संभावना काफी कम है. शिव कुमार की मानें तो नवंबर का महीना है और इस समय पिच में थोड़ी नमी होगी. ऐसे में यह पिच जल्दी टूटेगी नहीं.