विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मुकाबला तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच खेला गया। कर्नाटक के कप्तान मनीष पांडे ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। इससे पहले क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल में भी उन्होंने टॉस जीतकर गेंदबाजी ली थी और उनके गेंदबाजों ने दोनों मैचों में पिच की नमी का पूरा फायदा उठाया था।
बड़ा स्कोर नहीं बना पाई
कर्नाटक के तेज गेंदबाजों ने इसका पूरा फायदा उठाया और अनुभवी मुरली विजय पहले ही ओवर में बिना खाता खोले आउट हो गये। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आये रविचंद्रन अश्विन भी 8 रन ही बना पाए। दो विकेट गिरने के बाद अभिनव मुकुंद और बाबा अपराजित ने टीम की पारी को संभाला। उनके बीच तीसरे विकेट के लिए 124 रनों की साझेदारी हुई।
प्रतीक जैन में मुकुंद (85) को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। बाबा अपराजित भी 66 रनों की पारी खेलने के बाद रन आउट हो गये। विजय शंकर और शाहरुख़ खान ने अच्छी 10 ओवर में ठीकठाक बल्लेबाजी की लेकिन उनकी टीम 252 के स्कोर पर ऑल आउट हो गयी। कर्नाटक के लिए अभिमन्यु मिथुन ने हैट्रिक लिया और उन्होंने मैच में 5 विकेट लिये।
वीजेडी से निकला नतीजा
कर्नाटक ने तेज शुरुआत की लेकिन इनफॉर्म देवदत्त पदिक्कल 11 रन बनाकर वॉशिंगटन सुंदर की गेंद पर बोल्ड हो गये। उनके आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आये मयंक अग्रवाल ने पूरी तरह मैच का रुख बदल दिया। केएल राहुल ने भी उनका अच्छा साथ निभाया। बारिश की वजह से 23वें ओवर में खेल रुका तो कर्नाटक ने एक विकेट पर 146 रन बना लिए थे।
इसके बाद मैच शुरू नहीं हो पाया और कर्नाटक ने वीजेडी नियम से मैच को 60 रनों से अपने नाम कर लिया। मयंक अग्रवाल ने 55 गेंदों में 69 रन बनाये वहीं केएल राहुल ने 72 गेंदों में 52 रनों की पारी खेली। कर्नाटक ने विजय हजारे ट्रॉफी को चौथी बार अपने नाम किया। तमिलनाडु ने सबसे ज्यादा 5 बार ट्रॉफी जीती है और यह पहला मौका है, जब उन्हें फाइनल में हार मिली।
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