श्रीसंत मामले को लेकर केरल हाई कोर्ट ने बीसीसीआई को सुनाया ये फरमान 1

साल 2013 के आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के मामले में फंसे दागी भारतीय क्रिकेटर शांताकुमारन श्रीसंत को बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद अपने पर लगे आजीवन प्रतिबंध को लेकर श्रीसंत ने इस साल 1 मार्च को केरल हाईकोर्ट में बीसीसीआई के खिलाफ याचिका दर्ज की थी। श्रीसंत की याचिका पर केरल हाई कोर्ट का फैसला आया था, जिसमें केरल हाई कोर्ट ने श्रीसंत की याचिका पर बीसीसीआई को नोटिस भी दिया था।

1 मार्च को एस. श्रीसंत ने केरल हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें बीसीसीआई को ये निर्देश देने को कहा गया था, कि वे अप्रैल में स्कॉटलैंड के क्लब की ओर से खेलने की स्वीकृति दें जिससे, कि वे उस क्लब से अपने क्रिकेट जीवन की फिर से शुरूआत कर सके। साथ ही श्रीसंत ने अपने पर लगे आजीवन प्रतिबंध हटाने की अपील की थीश्रीसंत के करियर पर आया बीसीसीआई का बड़ा बयान, केरला हाईकोर्ट में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने दर्ज कराया अपना बयान

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इसी मामले को लेकर केरल हाई कोर्ट का एक बार फिर अहम फैसला आया हैं। केरल हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एस श्रीसंत के आवेदन को लेकर बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष विनोद राय इनकी टीम के अन्य तीन सदस्यों को गवाह के लिए कुछ और ज्यादा सबूत उपस्थित करने की अनुमति दी है। केरल हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर अगली सुनवाई 22 मई को होना बताया है।

सुप्नीम कोर्ट ने बीसीसीआई को विशिष्ट निर्देश भी दिया है जिसके अनुसार बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष विनोद राय के साथ ही तीन अन्य रामचन्द्र गुहा , डायना एड्जी और विक्रम लियमा के साथ मिलकर इस मुद्दे को निपटाए।सहवाग और गांगुली की बातचीत में श्रीसंत ने कह दिया कुछ ऐसा, कि हो गई वीरू की बोलती बंद

केरल हाई कोर्ट ने इस मामले को लेकर बीसीसीआई से कहा, कि “आप उसे अपने पक्ष में पेश करने का मौका क्यों नहीं दे सकते । इस निलंबन के खिलाफ उन्हें कुछ पेश करना का मौका देने की जरूरत है।”