इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी केविन पीटरसन का एक बहुत बड़ा नाम रहा है। केविन पीटरसन इंग्लैंड के लिए कप्तानी करने का भी सौभाग्य हासिल कर चुके हैं और वो जिस तरह के बल्लेबाज थे उनमें खास तरह की क्षमता देखी गई जो तीनों ही फॉर्मेट के लिए एकदम सटिक बैठते थे। केविन पीटरसन का इंटरनेशनल क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में जलवा रहा है।
केविन पीटरसन आईपीएल में खेले हैं कई भारतीय खिलाड़ियों के साथ
केविन पीटरसन का जलवा इंटरनेशनल क्रिकेट में तो देखने को मिला ही है साथ ही ये आईपीएल में भी लंबे समय तक खेले हैं। केविन पीटरसन आईपीएल के पहले सीजन में तो नहीं खेल सके थे जब वो नीलामी के दौरान शामिल ही नहीं थे।
इसके अगले साल यानि साल 2009 में वो नीलामी का हिस्सा बने तो उन्हें सबसे महंगे खिलाड़ी के तौर पर आरसीबी ने अपने पाले में शामिल किया। इसके बाद केविन पीटरसन का आईपीएल सफर शुरू हुआ जिसमें वो कई भारतीय दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेलने नजर आए।
केविन पीटरसन ने आईपीएल में वीरेन्द्र सहवाग और विराट कोहली के साथ खेले
आईपीएल के 2009 के सीजन में वो आरसीबी की टीम में होने के कारण विराट कोहली के साथ खेले। उस दौरान विराट कोहली युवा खिलाड़ी थे। लेकिन एक साल आरसीबी के साथ बिताने के बाद वो अगले ही सीजन दिल्ली डेयरडेविल्स(अब दिल्ली कैपिटल्स) के साथ जुड़ गए।
दिल्ली कैपिटल्स की टीम में भी केविन पीटरसन के साथ दिग्गज खिलाड़ी खेले जिसमें सबसे खास खिलाड़ी वीरेन्द्र सहवाग थे। इस इंग्लिश खिलाड़ी ने वीरेन्द्र सहवाग की कप्तानी में कई साल दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ निकाले। जिसमें उन्होंने इनके साथ जो समय गुजारा उसे याद किया।
केपी ने वीरू को बताया इस खेल का सुपरस्टार, तो कोहली को बताया महान
केविन पीटरसन ने आईपीएल में वीरेन्द्र सहवाग और विराट कोहली के साथ गुजारे समय को देखते हुए उनके बारें में अपनी राय रखी है। पीटरसन ने पहले तो सहवाग को लेकर अपनी राय रखी और बताया कि
“कैसे वो अपनी लापरवाह भावना के कारण उन्हें देखना पसंद करते थे। वो इसे बहुत ही पसंद करते थे जब सहवाग गाना गाते थे जब गेंदबाज अपना रन-अप शुरू करता था। इसके बाद गेंद को आसानी से पार्क में मार देते थे। वो इस खेल के सुपरस्टार हैं।”
वहीं आगे विराट कोहली को लेकर केपी अपनी राय रखते हैं कि
“वो शुरुआती दिनों में ही कोहली की महानता को समझ गये थे। उन दोनों ने के बीच काफी अच्हैंछी दोस्ती थी। भले ही उनके बीच एक उम्र का अंतर रहा हो। उन्हें हमेशा लगता था कि कोहली को महानता मिलेगी। उन्होंने विराट कोहली में सबसे अच्छा खिलाड़ी बनने का दृढ़ संकल्प देखा। ये कोहली के दृष्टिकोण से, उनके सीखने की प्रक्रिया और उनके पक्ष में मैच जीतने के उनके दृढ़ संकल्प से स्पष्ट था।”