गैरी कर्स्टन ने जताई दोबारा भारत के कोच बनने की इच्छा, बोला मैं तो हमेशा सोचता हूं... 1

भारत को 28 साल बाद दूसरा आईसीसी विश्व कप जिताने वाले कोच गैरी कर्स्टन की कोचिंग के दर्मियां भारतीय क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल बेहद अच्छा था. साथ ही भारत ने विश्व कप की खिताबी जीत दर्ज की. 2011 में पूर्व साउथ अफ्रीकन क्रिकेट के कार्यकाल के समाप्त होने के बाद टीम की कमान डंकन फ्लेचिंग को कप्तानी सौंप दी गई. अब टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए गैरी ने भारत की कोचिंग करने की इच्छा जताई है.

भारत की कोचिंग दोबारा करने की जताई इच्छा

गैरी कर्स्टन

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भारत के सफल कोच गैरी कर्स्टन का रिश्ता खिलाड़ियों से काफी अच्छा था. साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर को भारत की कोचिंग की जिम्मेदारी 2008 में ग्रेग चैपल के बाद सौंपी गई थी. 2008 से टीम ने खुद को दोबारा मजबूत स्थिति में पहुंचाना शुरु किया और 2011 विश्व कप जीता.

अब टाइम्स ऑफ इंडिया ने जब पूर्व भारतीय कोच से दोबारा भारत की कोचिंग करने के बारे में सवाल पूछा. तो इसपर गैरी कर्स्टन ने इच्छा जाहिर करते हुए जवाब दिया,

“मैं हमेशा इस बारे में सोचता हूं. लेकिन मेरी वापसी के लिए सभी को काम करना होगा. भारतीय टीम को कोचिंग करना उन्हें प्रिय था. मेरे जीवन में मिला यह बेस्ट विशेषाधिकार था. यह पूरी यात्रा ही शानदार रही. विश्व कप में खिलाड़ियों से बहुत सी अपेक्षाएं होती हैं कि वे कप जीतें. टीम इंडिया ने अविश्वसनीय रूप से उन अपेक्षाओं को पूरा किया.”

धोनी जानते हैं कब लेना है संन्यास

क्रिकेट के गलियारों में महेंद्र सिंह धोनी का संन्यास पर लगातार चर्चा होती रहती है. तमाम क्रिकेटर्स अपनी-अपनी राय व्यक्त करते हैं. अब इसी क्रम में भारत के विश्व कप विजेता कोच रहे गैरी कर्स्टन ने कहा,

”वह जानते हैं कि कब क्रिकेट से विदा लेनी है. धोनी पर बात कभी खत्म नहीं होगी. पिछले विश्व कप में सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से हार के बाद से यह बहस चल रही है. बहुत से पूर्व क्रिकेटर और क्रिकेट पंडित मानते हैं कि धोनी की वापसी में काफी देर हो चुकी हैं. लेकिन मेरा मानना है कि इस निर्णय धोनी को करने देना चाहिए.”

धोनी हैं आत्मविश्वासी क्रिकेटर

गैरी कर्स्टन

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महेंद्र सिंह धोनी के बारे में बात करते हुए आगे बात करते हुए कर्स्टन ने कहा,

”धोनी एक अविश्वसनीय क्रिकेटर हैं, उनकी बुद्धिमानी, शांतिप्रियता, पावर, स्पीड और मैच जिताने की क्षमताएं उन्होंने आधुनिक क्रिकेट का महानतम खिलाड़ी बनाती हैं. उन्हें खेल को अपनी शर्तों पर छोड़ने का अधिकार होना चाहिए.”