2011 में बीसीसीआई द्वारा बैन की गयी कोच्चि टस्कर्स की अगले साल आईपीएल में वापसी हो सकती है.

कोच्चि की फ्रेंचाइज ने बीसीसीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, और जस्टिस लाहोटी के कमेटी ने इस पर कोच्चि के पक्ष में फैसला दिया था, और बीसीसीआई को कोच्चि के फ्रेंचाइज को 900 करोड देने के लिए कहा है.

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जस्टिस लाहोटी ने कहा कि, अगर स्टेडियम अच्छा नहीं था तो कोच्चि की टीम ने कहा था की हम अहमदाबाद में अपने  मैच कराएंगे, तो फिर  इस पर बीसीसीआई ने क्यों विचार नहीं किया. अब बीसीसीआई के पास 22 सितंबर तक का वक्त है, और उनके पास दों विकल्प है, एक या तो वो कोच्चि की टीम के 900 करोड लौटाए, या अगले साल आईपीएल में उन्हें खेलने का मौका दे .

टाईम्स अॉफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई दूसरा विकल्प चुन सकती है, और कोच्चि को आईपीएल में खेलने का मौका दे सकती है. और लोढा कमेटी के फैसले के बाद बीसीसीआई पर काफी दबाव है.

रिपोर्ट के मुताबिक, ये रकम  जो आईपीएल टीमे उनको देती है उससे काफी ज्यादा है, और इसलिए बीसीसीआई काफी दबाव में है. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, बीसीसीआई सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कोर्ट में जा सकती है, और इतनी बडी रकम  भरना बीसीसीआई के लिए काफी मुश्किल है.

तो बीसीसीआई के पास एक ही विकल्प बचता है, जो की कोच्चि को खेलने का मौका देने का. और ये रकम  काफी ज्यादा है इसलिए बीसीसीआई पहला विकल्प न चुनते हुए यही विकल्प चुन सकती है.

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लाहोटी कमेटी ने कहा कि, अगर बीसीसीआई को पहले से पता था कि, जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम अच्छा नहीं है, तो उन्होंने टीम ने जब बोली  लगाई थी, तो उसे स्वीकार ही क्यूं किया. अब ये बीसीसीआई की जिम्मेदारी बनती है कि, उस स्टेडियम को सुधारे.

SAGAR MHATRE

I am sagar an ardent fan of cricket. I want to become a cricket writer, i always suport virat kohli and ms dhoni in every international match, but not in ipl in ipl i always chear for mumbai indian and...