भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक वो यादगार समय था जब सचिन तेंदुलकर ने अपने इटरनेशनल क्रिकेट का आगाज किया जिसके बाद तो सचिन तेंदुलकर ने अपने पूरे करियर के दौरान कीर्तिमानों का एवरेस्ट खड़ा किया। इसी तरह से एक और यादगार पल वो था जब भारतीय टीम के वर्तमान कप्तान विराट कोहली ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा।
18 अगस्त 2008 को विराट कोहली ने रखा था टीम इंडिया में कदम
विराट कोहली ने 18 अगस्त 2008 के दिन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपने इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरूआत की जिसके बाद ये दिन भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े दिनों में से एक में दर्ज हो गया। विराट कोहली आज दस सालों के बाद भारत ही नहीं बल्कि विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े बल्लेबाज हैं जो लगातार अपने नाम रिकॉर्ड दर रिकॉर्ड दर्ज करते जा रहे हैं।
ओपनिंग करते हुए कोहली 12 रन बनाकर आउट
विराट कोहली भारतीय टीम को अंडर-19 क्रिकेट विश्वकप दिला कर इसी साल लौटे थे और उनकी जगह भारतीय टीम में बन गई। विराट कोहली को श्रीलंका के दौरे पर वनडे सीरीज में भारतीय टीम का टिकट मिला और 18 अगस्त 2008 को वो पहली बार भारतीय टीम के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट मैच में मौदान में उतरे। सचिन तेंदुलकर की गैर-हाजरी में कोहली को गंभीर के साथ ओपनिंग का मौका मिला लेकिन वो 12 रनों पर पगबाधा आउट हुए।
विराट कोहली ने ऐतिहासिक दिन को किया याद
विराट कोहली आज अपने उसी ऐतिहासिक दिन की बदौलत विश्व क्रिकेट पर छाए हुए हैं। विराट कोहली ने हाल ही में टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए साक्षात्कार में भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में अपने पहले दिन के बारे में बताया। विराट कोहली ने अपने सेलेक्शन के दिन के बारे में बात करते हुए कहा कि
सेलेक्शन के लिए बीसीसीआई का कॉल आते ही खड़े हुए मेरे रोंगटे
“मुझे अभी भी साफ याद है जब मैं अपनी मां के साथ बैठकर टीम सेलेक्शन की न्यूज देख रहा था। मेरा नाम टीवी पर चमक रहा था लेकिन मैंने सोचा ये तो केवल एक अफवाह है ऐसा कुछ नहीं है। पांच मिनट के बाद बीसीसीाई का मुझ पर कॉल आया कि मैं टीम में सेलेक्ट हो गया हूं। मेरे रौंगटे खड़े हो गए मैं कांप रहा था थरथरा रहा था। मैं हैरान था ये दिन मेरे लिए बहुत ही खास था।”
टीम मीटिंग में महान खिलाड़ियों के सामने बोलना बहुत बड़ा पल
इसके साथ ही कोहली ने भारतीय टीम के साथ ड्रेसिंग रूप के पहले दिन को लेकर कहा कि
“मुझे स्पष्ट रूप से याद है जब मैं पहली बार टीम मीटिंग में जा रहा था। मुझे टीम के रूम में बोलने को कहा गया ये मेरे लिए भारत के महान खिलाड़ियों के बीच घबराहट जैसा था। वो सभी मुझे देख रहे थे। जो अब हम युवा खिलाड़ियों को डराने के लिए करते हैं। नर्वस करने के लिए(मुस्कुराते हुए) ये मेरी पहली पहली यादें हैं।”
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