इंग्लैंड में हुआ महिला विश्वकप कई मायनों में ख़ास रहा. यह अब तक का सबसे सफल महिला क्रिकेट टूर्नामेंट रहा. यदि बात की जाए भारत की, तो यह टूर्नामेंट भारतीय महिला क्रिकेट के लिहाज से संजीवनी की तरह रहा. जिसने भारत में जहां क्रिकेट धर्म की तरह मन जाता है. लेकिन यह धर्म केवल पुरुष क्रिकेट तक ही सीमित था. महिला क्रिकेट बिलकुल गुमनामी में जी रहा था. लेकिन इस वर्ल्डकप में टीम के प्रदर्शन ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खीचा. भारतीय महिला टीम विश्वकप के फाइनल तक पहुँची और उपविजेता रही. इस टीम की ओपनर स्मृति मंधाना ने भी अपने खेल से सभी का ध्यान खीचा. उनकी पहले मैच में शानदार 90 रन की पारी ने दुनिया को उनका फैन बना दिया.
वर्ल्डकप में खेली तूफानी पारी-
स्मृति मंधाना ने वर्ल्डकप के पहले दो मैचो में बेहतरीन पारी खेली. पहले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 90 रन की पारी खेली और टीम को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. वहीँ दुसरे मैच में भी उन्होंने शतक लगाया. वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गये दुसरे मैच में 106 रन की पारी खेली. इस पारी के बाद उनके कोच अनंत तम्बेकर ने बताया था, कि “स्मृति हमेशा बड़ी पारी खेलने के बाद साधारण रहती है, वह कभी भी उत्तेजित नहीं होती है। उसमें यह बहुत ही खास बात है कि वो हमेशा जमीन से जुड़े रहना पसंद करती है.”
संगाकारा को मानती हैं अपना आदर्श-
भारत की यह विष्फोटक ओपनर श्रीलंका के महान खिलाड़ी कुमार संगकारा को अपना आदर्श मानती है. उन्होंने खुद बताया कि जब भी वो किसी शॉट बको खेलने में असफल होती हैं तो कुमार संगाकार को देखती हैं, कि यदि वो यहाँ होते तो किस तरह खेलते.
उन्होंने कहा कि मै उनको देख कर ही क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित हुई. शारीरिक रूप से अधूरे थे ये क्रिकेटर लेकिन क्रिकेट के लिए थे पुरे, 6 में 2 दिग्गज भारतीय खिलाड़ी शामिल
संगाकारा ने कहा कि यह मेरे लिए सम्मान की बात-
जब कुमार संगाकारा को यह पता चला की मंधाना उनको अपना आदर्श मानती हैं, तो उन्होंने कहा कि “यह मेरे लिए सम्मान की बात है. मैंने उनको खेलते हुए देखा है वह बहुत ही बेहतरीन खिलाड़ी हैं. मैं उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ.” महिला विश्वकप में शानदार प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई के इस रवैये से खफा है भारतीय महिला टीम की कप्तान मिताली राज