लोढ़ा समिति की सिफारिशों के कारण बीसीसीआई तो काफी समय से चर्चा में रहा है, अब लोढ़ा कमिटी के निशाने पर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन भी आ गए है.
लोढ़ा समिति के सेक्रेट्री, गोपाल शंकर नारायण ने एमसीए को लिखी एक चिट्ठी में लिखा, कि
“मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रही है. एमसीए ऐसी बात को लेकर मुद्दा बना रहा है, जिनपर पहले ही सर्वोच्च न्यायलय अपना आदेश सुना चूका है.”
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार उस चिट्ठी में बीसीसीआई ने की स्टेटस रिपोर्ट में यह साफ़ लिखा गया है, कि वर्किंग कमिटी के सभी सदस्यों ने कमिटी द्वारा रखे गये प्रस्तावों को स्वीकार किया था. जिसके अनुसार एमसीए पहले ही इस निर्णय के लिए कुछ बदलाव करने के लिए राज़ी हो गया था.
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एमसीए ने 7 नवम्बर को हुई एसजीएम बैठक में जो फैसले लिए है, वो सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए गए आदेशो का उल्लंघन है. लोढ़ा समिति का गठन बीसीसीआई और बीसीसीआई से जुड़े क्रिकेट एसोसिएशंस में पारदर्शिता लाने के लिए किया गया था, लेकिन जबसे लोढ़ा समिति ने अपना काम संभाला है, तभी से बीसीसीआई और जस्टिस आर एम लोढ़ा के बीच मतभेद शुरू हो चूका है.
हाल ही में लोढ़ा समिति ने सुप्रीम कोर्ट के सामने यह प्रस्ताव रखा था, कि बीसीसीआई के सभी उच्च पदों पर नियुक्त अधिकारीयों को हटा देना चाहिए. साथ ही यह भी प्रस्ताव रखा गया था, कि बीसीसीआई का प्रेक्षक पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कृष्ण पिल्लाई को बना देना चाहिए.
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लोढ़ा समिति और बीसीसीआई के बीच विवाद के कारण बीसीसीआई की छवि पर काफी असर पड़ा है, अगर यह मामला जल्द ही सुलझाया नहीं गया, तो भारत के प्रदर्शन पर भी इसका असर पड़ सकता है.