श्रीसंत के पक्ष में उतरा यह दिग्गज भारतीय खिलाड़ी, टीम में शामिल न किये जाने पर बीसीसीआई से कर दी बगावत 1

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने भारत के क्रिकेट बोर्ड को निशाना साझते हुए ट्वीट किया। मांजरेकर ने यह निशाना मैच फिक्सिंग के आरोप में आजीवन क्रिकेट मैच से लगे प्रतिबंधीत खिलाड़ियों के लिए कही। मोहम्मद अजरूद्दीन, श्रीसंत, अजय जडेजा जै्से कई दिग्गज नाम है जिनका कैरियर मैच फिक्सिंग के कारण अंधकार में चला गया और आजीवन क्रिकेट से प्रतिबंध का सामना करना पड़ा, हालांकि कुछ खिलाड़ियों को कोर्ट ने निर्दोष बताकर मैच फिक्सिंग से दोषमुक्त कर दिया।

मांजरेकर ने ट्वीट कर बीसीसीआई पर साधा निशाना-

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भारत के सबसे ज्यादा लोकप्रिय कमेटेटंर में से एक संजय माजरेकर ने सोमवार को किए गए ट्वीट से भारतीय क्रिकेट बोर्ड को निशाना साझते हुए कहा कि,“ अगर बीसीसीआई के पास मैच फिक्सिगं के आरोप झेल रहे खिलाड़ियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत है, तो उनको इसके खिलाफ चुनौती देने के लिए और निर्दोष साबित करने के लिए पर्याप्त सुविधा भी देनी चाहिए।

आपकों बता दे, भारत के कई दिग्गज खिलाड़ी मैच फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद आजीवन प्रतिबंध का सामना करना पड़ा था। जिसमें वर्तमान मेें सबसे बड़ा नाम श्रीसंत का आता है, जिनको भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है।

लोगों ने दी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया-

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मांजरेकर द्वारा किये गए इस ट्वीट के बाद सोशल यूजरों ने प्रतिक्रिया दी। जिसमें एक यूजर ने संजय माजरेकर का समर्थन करते हुए कहा कि,“ यह सच है कि बीसीसीआई मैच फिक्सिगं के आरोप में फंसे खिलाड़ियों के साथ अन्याय भी करती है। जिसमें उन्हे ं निर्दोष साबित करने के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं दी जाती है।”

हालांकि कुछ अन्य यूजरों ने इस बात पर मांजरेकर से कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा,“ मैच फिक्सिगं जैसे संगीन आरोप पर बीसीसीआई को और भी कड़े कदम उठाने चाहिए, आपका यह ट्वीट मैच फिक्सिगं को बढ़ावा देता है जिसे मै कतई इत्तेफाक नहीं रखता हूं।”

श्रीसंत पर लगा था मैच फिक्सिगं का आरोप-

श्रीसंत के पक्ष में उतरा यह दिग्गज भारतीय खिलाड़ी, टीम में शामिल न किये जाने पर बीसीसीआई से कर दी बगावत 2

 

2013 में आईपीएल स्पाट फिक्सिंग के आरोप में फंसे श्रीसंत को बीसीसीआई ने आजीवन क्रिकेट मैच के सभी फोर्मेट से प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद से  उनका कैरियर अंधकार की गर्त में चला गया था, हालांकि केरल के उच्च न्यायालय ने उनके ऊपर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटाकर उनको राहत की सांस दी।