भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल का टेस्ट क्रिकेट में तूफानी फॉर्म जारी है और बांग्लादेश के खिलाफ एकक और नायाब पारी खेल हर किसी के दिलों में बस गए हैं। मयंक अग्रवाल ने बांग्लादेश के खिलाफ इंदौर टेस्ट मैच में दूसरे दिन दोहरा शतक जड़ डाला।
मयंक अग्रवाल ने बांग्लादेश के खिलाफ खेली तूफानी पारी
भारत और बांग्लादेश के बीच खेली जा रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला टेस्ट मैच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस मैच के पहले दिन मयंक अग्रवाल अपने 37 रनों के स्कोर पर नाबाद लौटे थे।
बांग्लादेश को पहले दिन की ऑलआउट करने के बाद भारत ने अपनी पहली पारी शुरू कर दी थी जहां मयंक अग्रवाल ने अच्छी शुरूआत की थी।
इंदौर टेस्ट के दूसरे दिन मयंक ने खेली 243 रनों की पारी
लेकिन दूसरे दिन के खेल में किसी को मयंक अग्रवाल से इतनी बड़ी और तेज पारी की उम्मीद नहीं थी। दूसरे दिन के खेल में मयंक अग्रवाल पूरी तरह से छाए रहे और जबरदस्त बल्लेबाजी की। अग्रवाल ने दूसरे दिन के खेल के खत्म होने से कुछ देर पहले 330 गेंदों में शानदार 243 रन बनाए।
अग्रवाल ने अपने टेस्ट करियर का तीसरा शतक जड़ा जिसमें दो तो दोहरे शतक जड़ डाले। इस पारी के बाद अग्रवाल की हर जगह जयजयकार हो रही है। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने भी उनसे अपनी इस पारी से जुड़े कई सवाल किए।
मैच के बाद मयंक अग्रवाल से पूछा होटल में क्या करते हो?
मयंक ने जवाब दिया पबजी खेलता हूं।
जिसमें एक पत्रकार ने मयंक से सवाल किया कि
“इस तरह के एक दिन के बाद, आप होटल में शाम को क्या करते हैं। क्या आप अपनी पारी की हाइलाइट्स देखेंगे? या आपको फिल्म देखना पसंद है? एक नेटफ्लिक्स शो? आप क्या करते हैं?”
इस पर मयंक अग्रवाल ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया और कहा कि “मयंक पबजी खेलता है।” इसके बाद वहां मौजूद हर कोई हंस पड़ा।
मुझे करना चाहिए अपने खेल का सम्मान
मयंक अग्रवाल ने इसके बाद आगे कहा कि “मुझे लगता है कि ये समझने के लिए डाउन में जाना होता है। कई बार ऐसा हुआ है जब मुझे रन नहीं मिले। इसलिए मुझे उस खेल का सम्मान करना चाहिए जिसमें मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा हूं। जब मैं ये कर रहा हूं कि मुझे सुनिश्चित करना है कि मैं इसे बड़ा बनााउं और टीम को ड्राइविंग सीट पर डाल दूं जहां से हार ना सकें।”
पृथ्वी शॉ से तुलना करने पर मयंक अग्रवाल ने कहा कि “मैं इसे इस तरह से नहीं देखता। मेरा सफर किसी और के समान नहीं हो रहा है और मैं दो लोगों की यात्रा की तुलना करना पसंद नहीं करता क्योंकि किसी को जल्दी मौका मिल सकता है और किसी को देर से मौका मिल सकता है।”