क्या आप को ‘मंकीगेट’ की वह घटना याद है जब ऑस्ट्रेलिया ने 2008 में भारत का दौरा किया था| इस घटना में एंड्रयू सायमंड्स और हरभजन सिंह शामिल थे| इस घटना के बारे में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुम्बले ने कहा, कि अगर मैं और ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग इस मामले पर बात किये होते तो एक बहुत बड़ा समस्या हल हो सकता था|

दरअसल, वर्ष 2008 के सिडनी टेस्ट के दौरान हरभजन सिंह पर आरोप लगा था कि उसने कंगारू हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू साइमंड्स को ‘मंकी’ (बंदर) कहा था, जिसके कारण इस भारतीय ऑफ स्पिनर को तीन टेस्ट मैचों के लिए निलंबित कर दिया गया था। बाद में उनकी अपील पर सुनवाई के दौरान उन पर से निलंबन हटा दिया गया था। न्यूजीलैंड के न्यायमूर्ति जान हेंसन द्वारा की गई सुनवाई में सचिन तेंदुलकर गवाह के तौर पर पेश हुए थे, और उन्होंने हरभजन सिंह के पक्ष में गवाही दी थी।

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इस विवाद में सचिन तेंदुलकर की भूमिका पर सिर्फ पोन्टिंग ने ही अंगुली नहीं उठाई है, बल्कि पूर्व विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट ने भी पांच साल पहले अपनी आत्मकथा में यही बात कही थी। रिकी पोन्टिंग ने उस घटना के बारे में कहा कि उन्हें बड़ा अजीब लगा, जब उस घटना के बाद हरभजन सिंह पर सिर्फ जुर्माना लगाया गया, जबकि उस घटना से दोनों देशों के आपसी संबंध खराब होने का खतरा पैदा हो गया था।

अनिल कुम्बले ने कहा, कि एक कप्तान अपने टीम के चयन प्रक्रिया के बारे में अपना राय दे सकता है, क्योंकि किसी मैच में ख़राब प्रदर्शन के लिए कप्तान को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है| उसने कहा, कि एक कप्तान अपने खिलाड़ियों में ज्ञान और अनुभव को देखता है न कि सीनियर या जूनियर| उसने कहा, कि एक कप्तान को दुसरे टीमों पर अटैक करने जरुरत है, आक्रमकता उनके लिए सही नही है| 

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