मिक्की आर्थर

विश्वकप 2019 के बाद से मानो पाकिस्तान क्रिकेट टीम उनके कप्तान और कोच पर मुसीबत आ गयी हो, अब पाकिस्तान के कोच मिक्की आर्थर को बदल दिया गुया है ऐसे में अब वो मिकी आर्थर को मई 2016 में पाकिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कोच के रूप में नियुक्त किया गया था, उनका पूरा करियर एक रोलर कोस्टर राइड की तरह हो गया था, इसके बाद उनका कार्यकाल इंग्लैंड और वेल्स में 2019 विश्व कप के बाद समाप्त हो गया था. इस मेगा इवेंट में भी पाकिस्तान का प्रदर्शन बहुत खराब रहा जिसके बाद अब कोच और अन्य सहयोगी कर्मचारियों में बदलाव किया गया है.

पीसीबी ने तोड़ा मिक्की आर्थर का विश्वास

मिक्की आर्थर

Advertisment
Advertisment

टीम से हटने के बाद पाकिस्तान के पूर्व कोच अब खुल कर अपने विचार रख रहे हैं, अब उनकी जगह मिस्बाह-उल-हक को नया कोच नियुक्त किया गया है, इसके बाद आर्थर ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में ऐसे कई लोग हैं जो बोलते कुछ और हैं और करते कुछ और हैं.

आर्थर विश्व कप के बाद भी टीम के कोच बने रहना चाहते थे और उन्होंने यह बात पीसीबी से भी कह दी थी, लेकिन पीसीबी ने उन्हें हटाने का फैसला किया.

आर्थर ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा कि,

“मुझे अपने कार्यकाल में जिसने सबसे ज्यादा निराश किया है वो वही लोग हैं जिन लोगों पर मैंने सबसे ज्यादा भरोसा किया है, आखिरी में उन्होंने ही मेरा साथ नहीं दिया है. मैंने शीर्ष पदों पर बैठे लोगों की बात नहीं कर रहा हूं बल्कि उनकी कर रहा हूं जो क्रिकेट समिति में शामिल थे, जिन पर मुझे भरोसा था, जिन्होंने कहा कुछ और और किया कुछ और मैं उन सब लोगों से निराश हूँ.”

मिस्बाह उल हक़ के नाम की हुई सिफारिश

मिक्की आर्थर

Advertisment
Advertisment

इन सब में सबसे मजेदार बात यह है कि यह वही मिक्की आर्थर हैं, जिनकी कोचिंग में पाकिस्तान टीम धराशायी हो गयी है. इस खराब प्रदर्शन के बाद ही पीसीबी ने दुसरे कोच को नामित किया है, आर्थर को बुरा यह लगा कि उनके सामने ही उनके विश्वास मित्रों ने मिस्बाह के नाम की सिफारिश की थी.

आर्थर ने कहा कि,

“मेरे साथ यह धोखा उन लोगों ने किया जिनके साथ रहना मुझे सबसे ज्यादा पसंद था, इसके बाद भी उन लोगों ने पाकिस्तान की टीम को नए हाथों में सौप दिया है, मैंने कहा था कि मिस्बाह बेहतरीन साबित होंगे क्योंकि वह पाकिस्तान क्रिकेट के गॉडफादर हैं, मिस्बाह शानदार हैं, मैंने कहा था और साथ ही मैंने वसीम अकराम का नाम भी लिया था, क्योंकि मुझे लगता है कि वसीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अच्छी तरह समझते हैं.”