इन पांच टेक्निक का प्रयोग कर फील्डिंग टीम करती है बॉल टेम्परिंग और विरोधी टीम को भनक तक नहीं लग पाती 1

खेल को खेल की भावना से खेले तो सही है लेकिन जब आप खेल को अपने नाम करने के लिए बेईमानी पर ऊतर जाए तो खेल का मजा किरकिरा हो जाता है। उसी तरह से क्रिकेट तो भद्रजनों का खेल कहा जाता है। लेकिन यहां पर भी मैच जीतने के लिए बेईमानी देखी जा सकती है। क्रिकेट के खेल में गेंद का साथ छेड़छाड़ करने का मामला आजकल अक्सर ही देखा जा सकता है।

बॉल टेंपरिंग के तरीके

Advertisment
Advertisment

गेंद से छोड़छाड़ यानि बॉल टेंपरिंग…. मैच को किसी भी सूरत में जीतने की इच्छा के चलते फील्डिंग वाली टीम बॉल को किसी तरह से नुकसान पहुंचाकर गेंद से फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में क्रिकेट का मजा खत्म हो जाता है। आजकल ऐसी घटनाएं कई बार देखने को मिली है।

ऐसे में आज हम आपको ऐसे पांच तरीके बताने जा रहे हैं, जिससे फील्डिंग टीम के खिलाड़ी करते हैं गेंद से छेड़छाड़….

सीम के साथ करते हैं छेड़छाड़

क्रिकेट के खेल में गेंद पुराना होने के बाद रिवर्स स्विंग प्रदान करती है। आमतौर पर गेंद एक बार जब 30 ओवर पुरानी हो जाती है तो स्विंग की जगह रिवर्स स्विंग करने लगती है। ऐसे में गेंदबाजों का बड़ा फायदा पहुंचता है।

Advertisment
Advertisment

कभी-कभी पिच अगर रिवर्स स्विंगर के मददगार हो तो गेंदबाज जल्द ही रिवर्स स्विंग हासिल करना चाहता है। ऐसे में गेंद की जो सीम होती है उसको कहीं से भी अंदर की तरफ दबा दिया जाता है। इसके बाद गेंद से रिवर्स स्विंग निकलने लगती है।

इन पांच टेक्निक का प्रयोग कर फील्डिंग टीम करती है बॉल टेम्परिंग और विरोधी टीम को भनक तक नहीं लग पाती 2

गेंद की खोई शाइन लाने के लिए किया जाता है लिप बाम का प्रयोग

क्रिकेट के मैदान में अक्सर ही हमने देखा है कि खिलाड़ी अपने सूखे होठो को लिए लिम बाम साथ में रखते हैं। खिलाडी लिम बाम का प्रयोग अपने सूखे होठों पर लगाने के साथ ही गेंद पर लगाने के काम में भी कभी-कभी ले लिया करते हैं। गेंद अपनी हल्की सीशाइन खोते ही जब स्विंग होने बंद कर देती है तो फील्डिंग टीम गेंद को फिर से स्विंग हासिल कराने के लिए लिप बाम लगा देती है जिससे गेंद में शाइन आ जाती है।

इन पांच टेक्निक का प्रयोग कर फील्डिंग टीम करती है बॉल टेम्परिंग और विरोधी टीम को भनक तक नहीं लग पाती 3

गेंद को एक तरफ से ही बार-बार सतह पर रगड़ना

नई गेंद पिच के अनुसार अपनी स्विंग का कमाल दिखाती है। जब पिच गेंदबाजों के लिए अनुकूल ना हो तो गेंद की शाइन का कोई मतलब नहीं रह जाता है ऐसे में गेंद की चमक को खत्म करने के लिए फील्डिंग साइड को कई बार एक तरफ से मैदान पर बार-बार रगड़ते देखा गया है। इसे गेंद अपनी एक तरफ की शाइन को खो देती है और उसमें कुछ रिवर्स स्विंग मिलने लगती है।

इन पांच टेक्निक का प्रयोग कर फील्डिंग टीम करती है बॉल टेम्परिंग और विरोधी टीम को भनक तक नहीं लग पाती 4

नाखूनों से गेंद को खुदरना

फील्डिंग साइन गेंद से रिवर्स स्विंग निकालने को कोई ना कोई तरीका निकाल ही लेती है। गेंद से रिवर्स स्विंग हासिल करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाए जाते हैं। इनमें से सबसे स्मार्ट तरीका नाखून से गेंद को खुदरना है। कई बार खिलाड़ी  अपने नाखूनों से गेंद को खोदते नजर आ जाते हैं। इससे गेंद एक तरफ से पुरानी होकर रिवर्स स्विंग प्रदान करती है।

इन पांच टेक्निक का प्रयोग कर फील्डिंग टीम करती है बॉल टेम्परिंग और विरोधी टीम को भनक तक नहीं लग पाती 5

मिंट च्विंगम लार से एक सिरे से लाते हैं शाइन

क्रिकेट की लाल गेंद नई रहने पर तो जबरदस्त स्विंग प्रदान करती है। इसी तरह से एक बार जब गेंद छोड़ी पुरानी हो जाती है तो रिवर्स स्विंग करना शुरू कर देती है। लेकिन गेंद दोनों ओर से अपनी शाइन खो दे तो गेंदबाजों के लिए कुछ खास नहीं रहता है।

इसके लिए फील्डिंग टीम पुरानी गेंद को रिवर्स स्विंग प्रदान करने के लिए मैच के दौरान अपने द्वारा चबायी जाने वाली मिंट गम के लार का प्रयोग करती है। इस लार से गेंद फिर से अपनी एक साइड की शाइन को हालिक कर लेती है और रिवर्स स्विंग करने लगती है।

इन पांच टेक्निक का प्रयोग कर फील्डिंग टीम करती है बॉल टेम्परिंग और विरोधी टीम को भनक तक नहीं लग पाती 6