बॉल टेम्परिंग को लेकर विश्व क्रिकेट के चारों ओर ऑस्ट्रेलियाई टीम की जमकर बदनामी हो रही है और इसी बदनामी के बीच इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर माइकल वॉन ने भी ऑस्ट्रेलियाई टीम को आड़े हाथ लिया है और कहा है, कि मुझे पूर्ण विश्वाश है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 2017/18 की एशेज सीरीज में भी बॉल टेम्परिंग की होगी.
एशेज सीरीज में भी की जा रही थी बॉल टेम्परिंग
इंग्लैंड टीम के पूर्व कप्तान व दिग्गज बल्लेबाज माइकल वॉन ने बीबीसी स्पोर्ट से बातचीत करते हुए कहा,
“मैं एशेज सीरीज के दौरान भी ऑस्ट्रेलिया के कुछ खिलाड़ियों को टेप के साथ देख रहा था. खासकर एशेज सीरीज के दिन के मध्य के दौरान, मैं उनका नाम नहीं लेना नहीं चाहता, लेकिन वे जानते हैं कि वे कौन हैं.”
मुझे पूरा यकीन है, कि यह एशेज सीरीज के दौरान भी बॉल टेम्परिंग चल रही थी, लेकिन मैं यह नहीं कह सकता, कि इंग्लैंड को 4-0 से हारने का यह एक सबसे बड़ा कारण था, लेकिन मैं यह कह सकता हूं, कि उन्होंने बॉल टेम्परिंग एशेज के दौरान भी की थी. मैंने 17 साल तक क्रिकेट खेली, लेकिन मैंने कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया.”
ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी बॉल टेम्परिंग के लिए उचित परिणामों का सामना करेंगे
माइकल वॉन ने बीबीसी स्पोर्ट से बातचीत करते हुए आगे कहा,
“कुछ टीमें इसका इस्तेमाल करती थी और वह यह रिवर्स स्विंग पाने के लिए ऐसा करती थी. आप देखते होंगे, कि गेंद की चमक को बरक़रार रखने के लिए मुंह की लार का भी इस्तेमाल किया जाता है. क्या यह सही है? बहुत से लोग नहीं कहेंगे, लेकिन क्रिकेट के खेल पर यह कई वर्षों से हुआ है और यह जारी रहेगा. यह नियंत्रित करना बहुत कठिन है.
बॉल टेम्परिंग के नियम यह है, कि आप गेंद के साथ छेड़छाड़ करने के लिए किसी वस्तु का इस्तेमाल ना करे. मुंह की लार आप लगा सकते है. मुझे पूरा यकीन है, कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को बॉल टेम्परिंग के लिए उचित परिणामों का सामना करेंगे.
आस्ट्रेलिया के जीन में ही बेईमानी
माइकल वॉन ने कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए आगे अपने बयान में कहा,
“ऑस्ट्रेलियाई टीम पिछले दो या तीन सालों से ही विवादों में रही है और वह पिछले कुछ सालों में कई बार अपमानित भी हुए है.
आस्ट्रेलिया के कई खिलाड़ी ऐसे हैं जो मेरे पास आए हैं और कहा, ‘एक्स और वाई. मैं उनके इन शब्दों की कंम्प्लेंन नहीं कर सकता, क्योंकि मेरे पास सबूत नहीं हैं.
लेकिन मैं अब उन बातों पर ध्यान केन्द्रित कर रहा हूं जो अब पिछले कुछ दिनों में सच हुआ है. इस ऑस्ट्रेलिया टीम की बड़ी पहचान ही बेईमानी बन गई है. ऑस्ट्रेलिया के जीन में ही बेईमानी आ गई है. वह खेल को खेल भावना से नहीं खेलते है और इसका ही नमूना हमें केपटाउन में देखने को मिला.”