2013 -14 के दौरान एशेज श्रृंखला के तहत इंग्लैंड के खिलाफ “मिशेल जॉनसन” एक खतरनाक खिलाड़ी के रूप में नज़र आये थे. लेकिन अब जॉनसन का अगली सीरीज में टीम में होने पर संदेह बना हुआ है.

पिछली बार एशेज सीरीज में जॉनसन ने अपनी टीम ऑस्ट्रेलिया के लिए 13 .97 की औसत से 37 विकेट झटके थे. जॉनसन की आक्रामक शार्ट पिच गेंदबाज़ी , स्विंग व् यॉर्कर ने बल्लेबाज़ों पर काफी दबाव बनाया था. जॉनसन ने अपने बल पर ही इंग्लैंड के तकरीबन सभी बल्लेबाज़ों को ढेर कर दिया था. पिछले साल अक्टूबर में केविन पीटरसन ने यह मन था कि जॉनसन के प्रदर्शन से इंग्लैंड काफी भयभीत हुआ था.

Advertisment
Advertisment

तो आखिर अब क्या बदला है!?

जॉनसन अब उतने तेज़ नहीं रहे जितना की पहले थे, और ये स्वाभाविक भी है क्योंकि नवंबर में वह 34 की उम्र के हो जायेंगे . उस प्रसिद्ध एशेज श्रृंखला में वह 150 कीएम /घंटा की तीव्रता पार कर गए थे और कभी कभी तो 155 कीएम /घंटा भी. लेकिन वेस्ट इंडीज में हाल ही की सीरीज में जॉनसन 140 कीएम /घंटा की तीव्रता से गेंदबाज़ी करते दिखे. वह घरेलु व् अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल के तीनो प्रारूपों में खेल रहे हैं. जिनमे आईपीएल, विश्व कप और वेस्ट इंडीज दौरा शामिल है. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट चाहता है कि वह आईपीएल फिलहाल छोड़कर आराम करे और एशेज के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाये.

अब बड़ा सवाल ये है कि क्या एशेज के पहले टेस्ट में जॉनसन को स्थान मिलेगा?

हाल ही में जमैका में संपन्न दूसरे टेस्ट मैच में जॉनसन को नई गेंद नहीं दी गयी. ऐसा दिल्ली में 2013 टेस्ट के बाद से जॉनसन के साथ पहली बार हुआ. अगर उसके साथियों “जोश हाज़ल्वूड” और “मिशेल स्टार्क” के प्रदर्शन पर नज़र डाले तो वे जॉनसन से बेहतर खेल रहे हैं.

Advertisment
Advertisment

वेस्ट इंडीज दौरे पर जोश ने 1 .86 के इकॉनमी रेट पर 8 .83 की औसत से 12 विकेट लिए थे वहीँ भारत के खिलाफ भी 3 टेस्ट मैचों में इस गेंदबाज ने 29 .33 की औसत से 12 विकेट गिराये थे. जोश अपने साथी गेंदबाज़ो की तरह बेशक गति न रखता हो लेकिन उसकी सटीक व् कुशल गेंदबाज़ी उसे आने वाले समय में ऑस्ट्रेलिया का सफल तेज़ गेंदबाज बना सकती है.

दूसरी ओर स्टार्क की तीव्र गेंदबाज़ी किसी भी पिच पर बाउंसर डालने की क्षमता, स्विंग गेंद डालना यह सब काबिलियत उन्हें श्रेष्ठ बनाती हैं. स्टार्क को लेकर चिंता का एक ही विषय है कि वह कई बुर गेंदे डालता है लेकिन अब निस्संदेह इसमें सुधार हुआ है.

स्टार्क ने नई ईयर के टेस्ट में , आईपीएल और वेस्ट इंडीज तीनो में बढ़िया प्रदर्शन किया. वेस्ट इंडीज में 16 की औसत से स्टार्क ने 10 विकेट लिए थे. चयन करता ‘मार्क वॉ’ का मानना है कि “शायद स्टार्क इस समय विश्व क्रिकेट में सबसे तेज़ गेंदबाज हैं ,चाहे वह सफ़ेद गेंद हो या फिर लाल.”

तो निष्कर्ष यह है कि तीसरे तेज़ गेंदबाज के स्थान पाने को लेकर वास्तविक प्रतियोगिता जॉनसन और रयान हर्रिस के बीच होने जा रही है. वहीँ  ऑस्ट्रेलिया टीम का एक मात्र स्पिनर शायद नाथन ल्योन ही होगा. रयान हर्रिस जो कि वेस्ट इंडीज दौरे का हिस्सा नहीं थे पर वह टेस्ट क्रिकेट में चौथे पायदान पर हैं. उन्होंने 27 टेस्ट मैचों में 113 विकेट लिए हैं वहीँ 2013 एशेज में भी उनका बढ़िया प्रदर्शन रहा.

जॉनसन की टीम में उपस्थिति विरोधियों के दिल में डर तो पैदा करती है पर उसके कुछ आंकड़ों को देखे तो आगामी दौरे पर जॉनसन पर संदेह बना हुआ है.

Sportzwiki संपादक

sportzwiki हिंदी सभी प्रकार के स्पोर्ट्स की सभी खबरे सबसे पहले पाठकों तक पहुँचाने के...