मोहम्मद शमी पर बंद हो धर्म और राष्ट्रीयता के नाम पर टारगेट करना, वो हैं हमारे देश के सच्चे और अच्छे क्रिकेटर 1

जब एक राष्ट्र की टीम खेलती है तो खिलाड़ियों का ना तो कोई धर्म होता है और ना ही कोई जाति, सभी खिलाड़ियों का एक ही धर्म होता है वो है राष्ट्रीयता और खिलाड़ी इसी भावना के साथ मैदान में उतरते हैं। अपनी राष्ट्रीय टीम को जीत दिलाने के लिए मैदान में पूरा जोर लगा देते हैं। जहां सभी खिलाड़ी अपना 100 प्रतिशत देने के लिए मैदान में उतरते हैं।

खिलाड़ियों की राष्ट्रीयता और धर्म को लेकर क्यों उठाए जाते हैं सवाल?

ऐसा ही कुछ क्रिकेट के खेल में भी होता है, जहां अपने-अपने देश के लिए खेलने वाले खिलाड़ी अपनी टीम को जीताने के लिए जी जान लगा देते हैं। जिसमें कोई खिलाड़ी नायक बन जाता है, तो किसी का बुरा दिन होने पर खलनायक की तरह पेश किया जाता है।

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आलोचना में कोई बुराई नहीं है, लेकिन आलोचना करने के लिए एक सीमा भी होनी चाहिए। कभी-कभी आलोचना करते हुए लोग ये तक भूल जाते हैं कि वो खिलाड़ी जो आज बुरा खेला वो कल तक अपनी टीम का मैच विजेता खिलाड़ी भी रहा है। जिसने टीम की जीत में कई बार अहम योगदान दिया है।

मोहम्मद शमी की राष्ट्रीयता पर फैंस ने उठाए सवाल

अपने देश की जीत में नायक रहे इसी खिलाड़ी को बुरा खेलने पर फैंस टारगेट करते हुए ये भी ध्यान नहीं रखते हैं कि वो भी एक इंसान ही है, जिसका कोई दिन बुरा हो सकता है, लेकिन उस खिलाड़ी की आलोचना करते हुए उसके धर्म और राष्ट्रीयता तक को निशाने पर ले लेते हैं।

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ऐसा ही कुछ इस समय भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के साथ हो रहा है। मोहम्मद शमी भारतीय टीम में पिछले 9 साल से खेल रहे हैं और ना जाने उन्होंने कितनी जीत में अपना अहम योगदान दिया है, लेकिन एक बुरे दिन से उन्हें विलेन बना दिया है।

मोहम्मद शमी के धर्म को किया टारगेट

मोहम्मद शमी को पाकिस्तान से मिली हार के बाद सबसे ज्यादा ट्रोल किया जा रहा है। जिन्हें लेकर फैंस काफी निचले स्तर की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं जिसमें शमी को कुछ ट्रोलर्स ने उनके भारतीय होने पर सवाल खड़े कर दिए तो उनके मुस्लिम धर्म तक को टारगेट किया है।

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फैंस इस तरह से भड़ास निकालते हुए सबकुछ भूल गए जो मोहम्मद शमी ने अपने देश की टीम को दिया है। शमी को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत ही निम्न स्तर की भाषा का प्रयोग हो रहा है। जिसमें उन्हें अभद्र गालियां दी जा रही है तो पाकिस्तान में बस जाने तक की बातें कही जा रही है।

धर्म के नाम पर खिलाड़ियों को टारगेट करना हो बंद

ये समझा जा सकता है कि अपने देश की टीम को हारता हुआ देखना कोई फैंस नहीं चाहता है, लेकिन हार-जीत तो खेल का हिस्सा हैं, जहां कभी जीत तो कभी हार भी मिलती है। जहां कोई खिलाड़ी कभी जीत का सबसे बड़ा नायक बनता है तो कभी अपना दिन होने पर उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाता।

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इसका ये मतलब नहीं है कि जो खिलाड़ी आज अच्छा नहीं कर पाया है उसके साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार और निचले स्तर की भाषा का इस्तेमाल किया जाए। अब सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर कब तक कुछ लोगों द्वारा अपनी राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने वाले खिलाड़ियों को धर्म के नाम पर टारगेट किया जाएगा।

मोहम्मद शमी हैं हमारी क्रिकेट टीम के सच्चे और अच्छे खिलाड़ी

पाकिस्तान के खिलाफ मैच में भारतीय टीम के गेंदबाज बिल्कुल भी लय में नहीं दिखे जहां मोहम्मद शमी ने 3.5 ओवर में 43 रन दे डाले। जिसे लेकर उन्हें खूब ट्रोल किया जा रहा है। जिनके धर्म, राष्ट्रीयता पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो अभद्र गालियां दी जा रही है।

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लेकिन शमी के समर्थन में पूरा भारतीय क्रिकेट आ गया है। जहां पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों जिसमें सचिन, सहवाग, भज्जी और इरफान पठान जैसे खिलाड़ियों ने पूरा समर्थन किया है। ऐसे में वो फैंस जो इस तरह की भाषा बोल रहे हैं, उन्हें समझना होगा कि मोहम्मद शमी एक सच्चे भारतीय, सच्चे खिलाड़ी हैं जो अपने देश की क्रिकेट टीम का बड़ा नाम हैं, जो इस तरह के बर्ताव के हकदार नहीं हैं।

ये लेखक के अपने विचार हैं।