Monty Panesar: भारतीय क्रिकेट जगत में बहुत कम ऐसे खिलाड़ी हुए जिन्होंने विदेश जाकर अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की. वे विदेशी टीम की तरफ से खेले. इस दौरान कई बार उनका आमना-सामना अपने ही पैतृक देश के खिलाफ हुआ.
आज हम ऐसे ही एक क्रिकेटर के बारे में बात कर रहे हैं, जिनका जन्म तो इंग्लैंड में हुआ है लेकिन उनकी जड़ें हिंदुस्तान से जुड़ी हुई हैं. इस खिलाड़ी (Monty Panesar) को इंग्लैंड की तरफ़ से खेलने के कारण देशद्रोही (Traitor) कहकर भी पुकारा गया.
इंग्लैंड के लिए खेले भारतीय मूल के Monty Panesar
दरअसल, हम बात कर रहे है भारतीय मूल के खिलाड़ी मुधसुदेन सिंह पनेसर यानी मोंटी पनेसर (Monty Panesar) की. पनेसर का जन्म 25 अप्रैल 1982 को इंग्लैंड के लुटन शहर में हुआ था, इनके माता-पिता भारत के पंजाब राज्य के निवासी थे जो साल 1979 में इंग्लैंड आकर बस गए थे.
पनेसर के पिता का नाम परमजीत सिंह और माता का नाम गुरशरण कौर है. भारतीय मूल के इस क्रिकेटर ने साल 2006 में अपना पहला टेस्ट मैच इंग्लैंड की टीम से भारत के खिलाफ भारतीय मैदान में ही खेला था.
इस खिलाड़ी के टेस्ट करियर में उनकी गेंदबाजी का पहला शिकार सचिन तेंदुलकर बने थे. पनेसर ने टेस्ट क्रिकेट में सचिन को 4 बार आउट किया है. इस खिलाड़ी पर भारतीय दर्शकों ने देशद्रोही होने का धब्बा भी लगाया था.
मोहाली टेस्ट में लगा था देशद्रोही होने का धब्बा
बात उन दिनों की है जब पनेसर (Monty Panesar) मोहाली टेस्ट खेलने के लिए भारत आये थे. इस टेस्ट मैच में उन्हें स्टेडियम में बैठे लोगों ने देशद्रोही कहकर पुकारा था. पनेसर ने मुंबई मिरर को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि, “मुझे याद है वो मोहाली टेस्ट. यह दूसरी बार था. स्टेडियम की भीड़ मुझे देशद्रोही कहकर पुकार रही थी.
…वह चिल्लाकर कहना चाहते थे कि मुझे अपने देश के लिए खेलना चाहिए जोकि इंग्लैंड नहीं भारत है. मैच के शुरुआत में इस भीड़ ने कहा कि हमारा पंजाबी मुंडा इंग्लैंड के लिए खेल रहा है. मैंने सोचा था कि भारत के लिए यह गर्व की बात होगी और वह मेरी सफलता से खुश होंगे. जब मैंने भारत के खिलाफ अपना अच्छा खेल दिखाने लगा तब मुझ पर देशद्रोही का धब्बा लगा दिया गया.”
बता दें कि मोंटी पनेसर (Monty Panesar) ने इंग्लैंड के लिए 50 टेस्ट मैच में 167 विकेट हासिल किए हैं. वहीं उन्होंने 26 वनडे मैचों में 24 विकेट अपने नाम किए हैं. साल 2012 में उन्होंने भारत में टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड को यादगार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.