एमएस धोनी वर्तमान में भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा सितारा है. भारतीय क्रिकेट के लिए जितनी उपलब्धि एमएस धोनी ने हासिल की हुई है. शायद ही किसी और क्रिकेटर ने की हुई हो.
एमएस धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने साल 2011 का वनडे विश्वकप जीता हुआ है. एमएस धोनी की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने साल 2007 टी-20 विश्वकप भी जीता था और एमएस धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने साल 2013 की चैम्पियंस ट्रॉफी भी अपने नाम की थी.
क्रिकेट करियर में हासिल कर चुके है शानदार आँकड़े
आपकों बता दें, कि एमएस धोनी अपने क्रिकेट करियर में शानदार आँकड़े हासिल कर चुके है. एमएस धोनी ने अपने क्रिकेट करियर में कुल 90 टेस्ट मैच, 318 वनडे मैच और 89 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेल लिए है. जिसमे एमएस धोनी ने टेस्ट क्रिकेट में 38.09 की औसत से 4876 रन बनाये है.
वनडे में 51.38 की औसत से 9967 रन बनाये है. वही टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में एमएस धोनी ने 37.03 की औसत से कुल 1444 रन बनाये हुए है.
पार्थिव पटेल का फ्लॉप रहना धोनी के लिए रहा वरदान
आपकों बता दें, कि एमएस धोनी ने अपना डेब्यू साल 2004 में किया था, लेकिन उनसे पहले अपना डेब्यू मैच पार्थिव पटेल ने साल 2002 में ही खेल लिया था.
पार्थिव पटेल को भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने धोनी के डेब्यू से पहले कई मौके दिए, लेकिन पार्थिव पटेल खुद को साबित नहीं कर पाये और वह बार-बार फ्लॉप होते चले गये.
कार्तिक व अजय रात्रा जैसे विकेटकीपर भी नहीं उतरें उम्मीदों पर खरे
इसके बाद भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने पार्थिव पटेल का विकल्प खोजना शुरू कर दिया. जिसकी तलाश में भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने अजय रात्रा व दिनेश कार्तिक जैसे विकेटकीपरों को अजमाया.
दिनेश कार्तिक व अजय रात्रा भी भारतीय टीम के चयनकर्ताओं की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाये. जिसके चलते भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने धोनी को डेब्यू करने का मौका दिया.
पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई पारी से धोनी ने दिखाई थी अपनी झलक
धोनी अपने डेब्यू मैच में तो शून्य पर आउट हो गये थे, लेकिन जब उन्हें पाकिस्तान लके खिलाफ विशाखापत्तनम वनडे मैच में नंबर-3 पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया, तो उन्होंने पाकिस्तान के गेंदबाजो की जमकर धुनाई कर दी और 148 रन की तूफानी पारी खेलकर बता दिया था, कि वह किस स्तर के खिलाड़ी है और इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.