'मैं पल दो पल का शायर हूं...जब एमएस धोनी ने 15 अगस्त को किया एक इमोशनल पोस्ट, सन्न हो गए थे क्रिकेट फैंस
'मैं पल दो पल का शायर हूं...जब एमएस धोनी ने 15 अगस्त को किया एक इमोशनल पोस्ट, सन्न हो गए थे क्रिकेट फैंस

MS Dhoni: आज 15 अगस्त है और आज से ठीक दो साल पहले पूरा देश आज़ादी की 73वीं जश्न में डूबा था। शाम को रांची का मौसम खुशगवार था। बारिश कभी थमती थी तो कभी रुक जाती थी। कहीं पर हल्की धुंध थी तो कहीं पर सर्द हवाएं चल रही थी। तभी शाम के 7 बजकर 29 मिनट पर एमएस धोनी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर 4 मिनट का एक वीडियो पोस्ट करके सबको चौंका दिया। उस वीडियो में धोनी की तस्वीर थी और बैकग्राउंड में एक गाना बज रहा था,

‘मैं पल दो पल का शायर हूं, पल दो पल मेरी कहानी है, पल दो पल मेरी हस्ती है, पल दो पल मेरी जवानी है।’

महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी।

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ये भारतीय क्रिकेट और विश्व क्रिकेट के लिए बहुत बड़ी खबर थी। ये एक ऐसा झटका था जिसके लिए रांची, भारत और पूरी दुनिया तैयार नहीं थी। जैसे ही ये ख़बर टीवी चैनलों के स्क्रीन पर आई, सबके होश उड़ गए। एमएस धोनी (MS Dhoni) के दोस्त के साथ-साथ उनके फैंस के आँखों में भी आंसू थे क्योंकि उन्होंने इसका जिक्र ना तो सोशल मीडिया पर किया था और ना ही किसी साथी से इसके बारे में बात की थी। सबने एक झटके में कहा – यह धोनी का हेलिकाप्टर शॉट था, जिसे कैच करना हर किसी के बस की बात नहीं। ऐसे में आज हम आपको उनकी जिंदगी और खेल से जुड़े कुछ किस्सों के बारे में बताएंगे।

धोनी के करियर का बेस्ट मैच

MS Dhoni

अगर हम बात एमएस धोनी (MS Dhoni) के बेस्ट मैच की करें तो हमारे विचार से उनका बेस्ट मैच साल 2007 का टी20 विश्व कप है क्योंकि साल 2007 के टी20 विश्व कप में उनके पास जो टीम थी, उसमें कुछ एक खिलाड़ी को छोड़कर पूरी टीम युवाओं से लैश थी और कप्तान बनने के बाद धोनी ने अपना पहला आईसीसी का ट्रॉफी भी जीता था जबकि 2011 के विश्व कप में MS Dhoni के पास जो टीम थी उसमें सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर जैसे अनुभवी खिलाड़ी थे। 2007 के विश्व कप में माही बिल्कुल एक नई टीम लेकर गए थे और विश्व कप लेकर लौटे थे।

पाकिस्तान से पहला मैच रहा था टाई

t20 world cup 2007 ball out

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एमएस धोनी (MS Dhoni) जब भारतीय टीम के कप्तान बनाने की बात हो रही थी तब उनमें और युवराज सिंह में मुकाबला चल रहा था लेकिन सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ चाहते थे कि धोनी को कप्तान बनाया जाए। इसके बाद दिलीप वेंगेस्कर ने माही को कप्तान बना दिया और फिर टी20 विश्व कप में पहला मैच पाकिस्तान के साथ था और वो मैच टाई हो गया था।

इसके बाद पहली बार बॉल आउट नियम को लाया गया जिसमें गेंदबाज को स्टंप की तरफ निशाना लगाना होता है और अगर आपका निशाना सही रहा तो जीत आपकी होगी। यहाँ पर एमएस धोनी (MS Dhoni) के सूझबूझ की दाद देनी होगी कि उन्होंने गेंदबाजों को इसकी बकायदा प्रैक्टिस करवाई थी ताकि गेंदबाजों को बाद में परेशानी ना हो।

फ़ाइनल में पाकिस्तान से हुई टक्कर

t20 world cup 2007 final ind vs pak

इसके बाद फ़ाइनल मैच भी पाकिस्तान के साथ था, जिसे भारत एक बार हरा चुका था और यहाँ भी एमएस धोनी (MS Dhoni) ने जुआ खेल दिया। फ़ाइनल मैच में जब वीरेंद्र सहवाग चोटिल हो गए थे तो उनकी जगह धोनी ने युसूफ पठान को ओपनिंग करने के लिए भेज दिया जो यह बताता है कि वो बड़े फैसले और चैलेंज लेने से घबराते नहीं थे। फिर इसके बाद फ़ाइनल ओवर में पाकिस्तान को जीतने के लिए 13 रन बनाने थे और 1 विकेट पाकिस्तान का बाकि था।

हरभजन सिंह का एक ओवर बाकि था लेकिन एमएस धोनी (MS Dhoni)ने गेंद जोगिंदर शर्मा के हाथों में गेंद थमा दिया। वजह यह थी कि जोगिंदर शर्मा को पाकिस्तानी बल्लेबाज ज्यादा जानते नहीं थे। उन्होंने जोगिंदर शर्मा को कम खेला था और इसके साथ ही जोगिंदर शर्मा का स्लोवेर वन बहुत अच्छा था। फिर पहली ही गेंद वाइड हो गई और इसके बाद दूसरी गेंद पर मिस्बाह उल हक़ ने छक्का जड़ दिया लेकिन इसके बावजूद भी कप्तान धोनी, जोगिंदर शर्मा के पास ये कहने नहीं गए कि संभल कर गेंदबाजी करो। इसके बाद तीसरी गेंद को मिस्बाह उल हक़ ने स्कूप करने की कोशिश की थी जिसे श्रीसंत ने दौड़कर कर पकड़ लिया था।

सचिन तेंदुलकर भी हैं धोनी के कायल

MS Dhoni & Sachin Tendulkar

कैप्टन कूल एमएस धोनी (MS Dhoni) का कायल हर कोई है जिसमें क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का नाम भी शामिल है। सचिन तेंदुलकर ने एक बार कहा था कि धोनी अपने शांत स्वभाव की वजह से हमेशा उन्हें अपने पिता रमेश तेंदुलकर की याद दिलाते हैं। इस बात का खुलासा राजदीप सरदेसाई ने अपनी किताब डेमोक्रेसी इलेवन में सचिन के हवाले से किया है।

किताब में सचिन तेंदुलकर ने बताया है कि पहली मुलाकात से लेकर अब तक एमएस धोनी (MS Dhoni) ने हमेशा उन्हें सम्मान दिया है। नाकामी और कामयाबी में धोनी का एक जैसा स्वभाव, उनके पिता की उस सीख से बिल्कुल मेल खाता था, जो वो सचिन और बाकी बच्चों को बचपन में सिखाते थे। किताब में सचिन के हवाले से इसका जिक्र है।

कुछ ऐसे शुरू हुआ धोनी का क्रिकेट करियर

ms dhoni

खैर अब एमएस धोनी (MS Dhoni) की ज़िन्दगी में थोड़ा पीछे चलते हैं। धोनी का फुटबॉल प्रेम किसी से छुपा नहीं है। फुटबॉल के खेल में वो गोलकीपर हुआ करते थे। धोनी के कोच थे केशव जिन्होंने उनको फुटबॉल में कीपिंग करते हुए देखा। इसके बाद केशव ने उनसे पूछा कि क्या वो उनकी क्रिकेट टीम में विकेटकीपिंग करेंगे और वहां से इस खिलाड़ी के क्रिकेट की शुरुआत हुई। हालांकि, शुरुआत में धोनी विकेटकीपिंग में उतने अच्छे नहीं थे लेकिन आज विकेट के पीछे से वो गेम बदल देते हैं।

इसके बाद एमएस धोनी (MS Dhoni) को एक स्कूल के टूर्नामेंट में मौका मिला जहां उन्होंने फाइनल मैच में दोहरा शतक जड़ा और पहले विकेट के लिए 378 रनों के लिए साझेदारी की। धोनी ने अपने स्कूल के दोस्त शब्बीर हुसैन के साथ ये साझेदारी की थी। इस पारी के बाद से ही लोग उन्हें धीरे-धीरे जानने लगे। फिर धोनी को स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया में सेल्स डिपार्टमेंट में नौकरी मिली जहां उनकी तनख्वाह 625 रुपए थी। इसके बाद उन्हें सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड (CCL) टीम के लिए चुना गया था। साल 1998 तक उन्होंने स्कूल क्रिकेट टीम और क्लब क्रिकेट के लिए खेला। शीश महल टूर्नामेंट के क्रिकेट मैचों में माही ने जब भी छक्का लगाया, तो उन्हें देवल सहाय ने 50 रुपये का उपहार दिया।

फिर साल 2000 में एमएस धोनी (MS Dhoni) को रणजी टीम के लिए चुना गया। इसके साथ ही उन्हें ईस्ट जोन की टीम में भी चुन लिया गया लेकिन यहां पर धोनी को ये बताया ही नहीं गया कि ईस्ट जोन की टीम में उनका सिलेक्शन हो गया है। एक दम आखिर में यह खबर सामने आई कि उन्हें कोलकाता पहुंचना है लेकिन रांची से कोलकाता जाने वाली ट्रेन छूट चुकी थी। यहां पर उनके एक दोस्त परमजीत सिंह जिन्होंने टाटा सूमो को हायर किया और धोनी उस गाड़ी में बैठकर कोलकाता के लिए निकल पड़े लेकिन कहानी में ट्विस्ट उस समय आ गया जब जमशेदपुर पहुंचते ही वो टाटा सूमो खराब हो गई।

तकरीबन दो घंटे लगे, उस टाटा सूमो को ठीक करने में लेकिन एमएस धोनी (MS Dhoni) जब तक कोलकाता पहुंचे, वो फ्लाइट अगरतला के लिए निकल चुकी थी और वो अपना पहला मैच मिस कर गए लेकिन कौन जानता था ये खिलाड़ी अगले कुछ ही दिनों में भारतीय टीम की नीली जर्सी पहनने वाला है। उस समय किरण मोरे भारतीय टीम के सिलेक्टर हुआ करते थे। वो भारतीय टीम में एक विकेटकीपर भी रह चुके थे। किरण मोरे को धोनी के बारे में जब पता चला तो उन्होंने इस खिलाड़ी का मैच देखने के लिए मुंबई से जमशेदपुर की फ्लाइट पकड़ी। धोनी उस समय झारखंड की टीम में थे और उड़ीसा के खिलाफ खेल रहे थे। उस मैच में उन्होंने शतक जड़ा जिससे किरण मोरे काफी प्रभावित हुए।

इसके बाद एक और मुकाबला हुआ, ईस्ट जोन बनाम नॉर्थ जोन जिसमें किरण मोरे भी मौजूद थे और साथ ही सभी भारतीय सिलेक्टर्स भी मौजूद थे। इसके बाद किरण मोरे ने ईस्ट जोन के मैनेजर प्रणब रॉय, उनको मनाया कि वो दीप दास गुप्ता की जगह एमएस धोनी (MS Dhoni) से विकेटकीपिंग कराएं। फिर उस मैच में माही ने 5 कैच पकड़े और 47 गेंद पर 60 रन बनाए।

जब धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट में किया डेब्यू

MS Dhoni

इसके बाद एमएस धोनी (MS Dhoni) का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू होता हैं और पहले ही मैच में बांग्लादेश के खिलाफ वो जीरो रन पर आउट हो जाते हैं। इसके बाद बाकी के 4 इनिंग्स में भी वो कुछ खास कमाल नहीं कर पाते हैं। 12 रन उनका सर्वाधिक स्कोर होता है और फिर वो मैच आता है, जिसने धोनी को ‘द महेंद्र सिंह धोनी’ बनाया। विशाखापट्टनम के मैदान पर उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ शतक जड़ते हुए 148 रन की पारी खेली थी जिसमें 15 चौके और 4 गगनचुंबी छक्के शामिल थे और पहली बार भारत के किसी विकेटकीपर ने वनडे क्रिकेट में शतक जड़ा था। फिर उन्होंने साल 2005 में ही श्रीलंका के खिलाफ 183 रन की बड़ी पारी खेली थी, जिसके बाद उन्होंने सौरव गांगुली के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। फिर साल 2008 में उन्हें तीनों फॉर्मेट में कप्तान बना दिया गया।

एमएस धोनी (MS Dhoni) की सबसे खास बात थी, उस जमाने में उनके लंबे और लहराते हुए बाल। उनके लंबे बाल को लेकर एक किस्सा ये है कि जब भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी तब वहां पर एक कागज पर लिखा हुआ था कि धोनी आपको हेयर कट की जरूरत है। फिर जब माही उस समय के पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ से मिले तब उन्होंने कहा कि

‘मैं देख रहा हूं कि लोग ये चाहते हैं की आप अपने बाल कटवा लें लेकिन मुझे लगता है कि आप इन बालों में काफी अच्छे लगते हैं। आप इन बालों की हरगिज मत कटवाइएगा।’

2011 विश्व कप में लिया बड़ा फैसला

 MS Dhoni & Yuvraj Singh

बात एमएस धोनी (MS Dhoni) के करियर की हो और हम बात विश्व कप 2011 की ना करें तो ये नाइंसाफी होगी। विश्व कप 2011 में धोनी ने खुद को प्रोमोट किया। उन्होंने युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था जो उस समय बेहद ही शानदार फ़ॉर्म में थे। यहां पर ये देखने को मिलता है, माही इतने बड़े टूर्नामेंट में कैसे बड़े फैसले लेते हैं और फिर उन्होंने गौतम गंभीर के साथ मिलकर जो साझेदारी की थी उसका नतीजा आज सबके सामने है।

अंत में एमएस धोनी (MS Dhoni) का वो विनिंग सिक्स जो उन्होंने लॉन्ग ऑन पर खेला था, पूरी ताकत के साथ उन्होंने वो शॉट लगाया था और आज सब इतिहास है। उनकी इस विनिंग सिक्स को लेकर सुनील गावस्कर ने कहा था कि ‘अगर मेरे मरने से पहले कोई कहे की आप कौन सा शॉट देखना पसंद करेंगे तो मैं धोनी का वो विनिंग सिक्स देखना पसंद करूंगा।’

भारत को जिताए तीन आईसीसी ट्रॉफी

MS Dhoni ICC Trophies

विश्व कप 2011 के बाद एमएस धोनी (MS Dhoni) ने साल 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर इतिहास रच दिया। माही ऐसे कप्तान बन गए जिनकी कप्तान में भारत ने आईसीसी के तीन ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया था। फिर इसके बाद उन्होंने साल 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। वहीं, साल 2017 में वनडे और टी20 की कप्तानी छोड़ने के बाद धोनी ने विराट कोहली की कप्तानी में खेलने का फैसला किया। करीब तीन साल वो कोहली की कप्तानी में खेले, जिसमें वनडे विश्व कप 2019 और चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 भी शामिल है।

कौन जनता था धोनी खेल रहे हैं आखिरी मैच ?

MS Dhoni run out wc 2019

एमएस धोनी (MS Dhoni) आखिरी बार नीली जर्सी में विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में नजर आए थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने दूसरी पारी में अर्धशतक बनाया, लेकिन एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में रन आउट हो गए। उनके आउट होने के साथ ही भारत विश्व कप दौड़ से बाहर हो गया। धोनी जब आउट होकर जा रहे थे तो काफी रो भी रहे थे क्योंकि वो जानते थे कि ये उनका आखिरी विश्व कप है लेकिन कौन जानता था कि फैंस उन्हें आखिरी बार नीली जर्सी में देख रहे हैं। सेमीफाइनल मैच में उन्होंने 72 गेंदों में 50 रन की पारी खेली थी, जिसमें 1 चौका और 1 छक्का भी शामिल है। अंत में उन्होंने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। धोनी के साथ रैना ने भी संन्यास की घोषणा की थी।

क्या अगले साल आईपीएल को कहेंगे अलविदा ?

MS Dhoni

बता दें कि संन्यास लेने के बाद साल 2021 के टी20 विश्व कप में एमएस धोनी (MS Dhoni) को टीम का मेंटॉर भी बनाया गया था लेकिन भारत सेमीफाइनल तक में नहीं जा सका था। बहरहाल, फैंस के लिए ख़ुशी की बात यही है कि धोनी अभी आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से खेल रहे हैं और अभी भी वो दमदार फॉर्म में नजर आ रहे हैं। वैसे कहा यह भी जा रहा है कि वो अगले साल आईपीएल भी छोड़ सकते हैं। खैर, अब धोनी कोई भी बात बता कर तो करते नहीं हैं। ऐसे में इंतजार करिये अगले आईपीएल के सीजन का।