टीम इंडिया को 3 अलग-अलग कैटेगरी में ICC ट्रॉफी जीताने वाले एकमात्र कप्तान एमएस धोनी अभी चर्चाओं में हैं। बता दें कि धोनी ने के मंच पर अपने बारे में खुद एक बड़ा खुलासा किया है। पूर्व भारतीय कप्तान धोनी ने बताया कि वह पढ़ाई में औसत थे। इस कारण उनके पिता का मानना था कि वह बोर्ड परीक्षा भी पास नहीं कर पाएंगे साथ ही धोनी ने बताया कि जब उन्होंने बोर्ड की परीक्षा पास की तो उन्हें और उनके पिता को बहुत खुशी हुई।
धोनी ने अपने निजी जीवन को लेकर दिया बयान
धोनी ने होसुर में एमएस धोनी ग्लोबल स्कूल में सुपर किंग्स अकादमी के उद्घाटन पर कहा, ‘मैं बहुत खुश था। मेरे पिता ने सोचा था कि मैं (10वीं बोर्ड परीक्षा) पास नहीं कर पाऊंगा। वह बहुत खुश थे कि मैं पास हो गया। उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने 7वीं कक्षा से क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तब तक मैं एक औसत छात्र था। इसलिए मेरी स्कूल में उपस्थिति थोड़ी कम होने लगी। इसके बावजूद मैं पढ़ाई करता था। 10वीं कक्षा में मुझे 66 प्रतिशत या ऐसा ही कुछ मिला, जबकि 12वीं कक्षा में मुझे 56 या 57 प्रतिशत अंक मिले।
धोनी ने आगे कहा, ‘मैं जब भी किसी स्कूल में जाता हूं तो वह टाइम मशीन की तरह होता है। मैं सीधे स्कूल में बिताए समय पर वापस जाता हूं। मैं हमेशा मानता हूं कि यह आपके लिए सबसे अच्छे समय में से एक है। आप यहां अच्छे दोस्त बनाते हैं जो आपके साथ लंबे समय तक रहेंगे। खेलो और पढ़ाई करो।”
धोनी को मैदान पर देखने को बेसब्र है दर्शक
ज्ञात हो कि धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास के बाद सभी की नज़र आने वाले 2023 आईपीएल पर होगी जहां उनके प्रसंशक उनको फिर से मैदान पर उतारते हुए देखना चाहते हैं लेकिन पूर्व कप्तान धोनी द्वारा उनके बचपन और पढाई को लेकर जिस तरह से उन्होंने बच्चों को समझाया है उससे यह प्रतीत होता है कि उनका जीवन भी आम बच्चों की तरह बहुत ही जटिल रहा है लेकिन उन्होंने अपनी परिश्रम से और अपनी क्रिकेट के प्रति जूनून से अपने नाम की अच्छी ख्याति प्राप्त कर ली जिससे आज अटक भी उन्हें भारतीय क्रिकेट का सबसे सफल कप्तान माना जाता है।