भारत और अॉस्ट्रेलिया के बीच खेले गये पहले वनडे का टर्निंग पॉइंट अंपायर द्वारा जॉर्ज बेली को नॉट आउट देना रहा. 21 रनों के अंदर अॉस्ट्रेलिया के पहले 2 विकेट गिर गये थे. बरिंदर सरन शानदार गेंदबाजी कर रहे थे, तब बेली 0 पर थे, तब उनके पिछे की तरफ से गेंद उनके ग्लब को लगकर धोनी के हाथों में गयी, और इसको अंपायर ने नॉट आउट करार दे दिया, जबकि ये आउट था. उसके बाद बेली ने शतक लगाकर टीम को जीत के नजदीक पहुँचाया.

अगर इस मैच में DRS का इस्तेमाल होता, तो बेली आउट होते, और भारत शायद मैच जीतता. मैच के बाद धोनी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,कि  आप अब कहोगे की, हम DRS का इस्तेमाल ना करने की वजह से हारे है, ऐसा कहेंगे.

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अंपायर के फैसले हमेशा 50-50 होते है, और अंपायर को मौके देते है. मै अभी भी DRS से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूँ.

धोनी ने कहा, DRS में काफी कमियां है, और खुद ये तकनीक इसे मानती है. अगर LBW की बात करे तो, आउट दिया गया, तो नॉट आउट के लिए गेंद को स्टंप से छुना तक नहीं चाहिए होता है. और अगर नॉट आउट दिये गये फैसले को, आउट चाहिए हो तो, गेंद को पुरे मिडल स्टंप पर लगना होता है, और क्रिकेट में हर इंच, हर मिलिमीटर, का महत्व होता है.

SAGAR MHATRE

I am sagar an ardent fan of cricket. I want to become a cricket writer, i always suport virat kohli and ms dhoni in every international match, but not in ipl in ipl i always chear for mumbai indian and...