एम एस धोनी (MS Dhoni) और विराट कोहली की कप्तानी में कई खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया और शानदार रिकॉर्ड भी बनाया। उन्हीं में से कुछ खिलाड़ी फिलहाल टीम इंडिया का हिस्सा भी है तो कुछ खिलाड़ी टीम से बाहर भी हो चुके हैं। आज हम ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में यहां जानेंगे जिन्हें इन कप्तानों ने ज्यादा मौका नहीं दिये और बेंच पर ही बैठे-बैठे उन खिलाड़ियों का करियर खत्म हो गया।
3 खिलाड़ी जिनका धोनी-कोहली की वजह से खत्म हो गया करियर
टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों की बात करें तो दो ही नाम सामने आते हैं एम एस धोनी (MS Dhoni) और विराट कोहली। उन दोनों ही कप्तानों ने टीम इंडिया को इंटरनेशनल लेवल पर काफी सफलताएं दिलाने में अहम भूमिका भी निभाई है। वहीं एम एस धोनी (MS Dhoni) और विराट कोहली की कप्तानी में कई खिलाड़ियों ने डेब्यू भी किया था लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिनका करियर खत्म करने में इन दो कप्तानों का ही हाथ रहा है। आज ऐसे ही 3 खिलाड़ियों के बारे में यहां जानते हैं।
मनोज तिवारी
मनोज तिवारी घरेलू क्रिकेट में एक बड़ा नाम है। उन्होंने इस लेवल पर काफी शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम में ज्यादा मौके नहीं दिये गये। सात साल के अपने इस इंटरनेशनल करियर में वो सिर्फ 12 वनडे और 3 टी20 ही खेलने में कामयाब रहे। मनोज तिवारी को जितने भी मौके मिले उसमें उन्होंने अच्छा ही प्रदर्शन किया लेकिन न तो एम एस धोनी (MS Dhoni) की कप्तानी में उन्हें मौका मिला और न ही विराट कोहली की कप्तानी में उन्हें टीम में वापसी का अवसर दिया गया।
मनीष पांडे
मनीष पांडे के इंटरनेशनल आंकड़ो की बात करें तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए 24 वनडे मुकाबले खेलते हुए 33.20 औसत से 566 रन और टी20 में 33 पारियों में 44,31 की औसत से 709 रन बनाये हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें न तो एम एस धोनी (MS Dhoni) और न ही विराट कोहली ने ज्यादा मौके दिये और इस बल्लेबाज का करियर बेंच पर बैठे-बैठे ही खत्म हो गया।
अमित मिश्रा
टीम इंडिया के स्टार स्पिनरों की बात की जाये तो उसमें से एक नाम अमित मिश्रा का भी आता है। अमित मिश्रा ने साल 2003 में इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू किया था और उसके बाद से वो सिर्फ 22 टेस्ट, 36 वनडे और 10 टी20 ही खेलने में कामयाब रहे। टीम इंडिया के लिए उन्होंने आखिरी मुकाबला भी साल 2017 में ही खेला था। बता दें कि अपने आखिरी वनडे मुकाबले में उन्होंने प्लेयर ऑफ द मैच का खिताब भी जीता था लेकिन इसके बावजूद उन्हें न तो एम एस धोनी (MS Dhoni) और न ही विरोट कोहली की कप्तानी में मौके मिला और देखते ही देखते वो टीम से बाहर हो गये।