भारत के पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद इन दिनों मीडिया जगत की सुर्खियां बने हुए हैं. एमएसके प्रसाद में हाल ही के कुछ दिनों में उन मुद्दों पर बयान देते हुए अपनी चुप्पी तोड़ी जिनको लेकर उनके कार्यकाल में काफी विवाद हुआ था. एक बार फिर उन्होंने बड़ा बयान दिया है. इस बार एमएसके प्रसाद ने तमिलनाडु के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद पर अपनी राय देते हुए ये स्वीकार किया है कि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान इस बल्लेबाज को ज्यादा अवसर देने चाहिए थे.
अभिनव मुकुंद को लेकर एमएसके प्रसाद ने जाहिर किया अफसोस
भारत के पूर्व मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने स्वीकार किया है कि तमिलनाडु के सलामी बल्लेबाज अभिनव मुकुंद को अपने कार्यकाल के दौरान अधिक मौके मिलने चाहिए थे. मुकुंद घरेलू क्रिकेट में खूब रन बना रहे थे और उन्होंने भारत के लिए भी एक टेस्ट में ओपनिंग की, लेकिन उन्हें दरकिनार कर दिया गया था.
एमएसके प्रसाद ने क्रिकबज प्लस से बात करते हुए कहा,
“मैं अभिनव मुकुंद के लिए बुरा महसूस करता हूं. जब आप सोते हैं तो यह चिंताओं में से एक है, आपको लगता है कि आप उसे और अधिक अवसर दे सकते थे. शायद हम कर सकते थे, वे घरेलू और भारत ए क्रिकेट में असाधारण रहे हैं.”
अभिनव मुकुंद की वापसी फिल्हाल मुश्किल
अभिनव मुकुंद ने भारत के लिए 2011 में किंग्स्टन में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और आखिरी बार 2017 में श्रीलंका के खिलाफ गाले में देश के लिए खेले, लेकिन इस दौरान उन्होंने सिर्फ 7 टेस्ट खेले और पिछले चार साल से टीम से बाहर हैं, 31 साल की उम्र में, ऐसा लगता है कि भारत के साथ पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल जैसे टेस्ट मैचों में लंबी अवधि के लिए ओपनिंग करने के लिए उनके लिए कोई रास्ता नहीं है.
इसके अलावा, वर्तमान में भी रोहित शर्मा और मयंक अग्रवाल टीम का बहुत हिस्सा हैं और मुकुंद के लिए कोई रास्ता नहीं है। ऐसे में एमएसके प्रसाद ने महसूस किया कि तमिलनाडु के बाएं हाथ के खिलाड़ी को अधिक मौके मिलने चाहिए और हर बार जब वह उनके बारे में सोचते हैं तो ऐसा ही महसूस होता है.
सुर्खियों में हैं इन दिनो एमएसके प्रसाद
टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर रहे एमएसके प्रसाद ने अपने कार्यकाल में कई ऐसे निर्णय लिए जिसके चलते उन्हें आज भी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ता है. हाल ही में उन्होंने अपने बयानों के जरिए कई मुद्दों पर सफाई देने की कोशिश की.
कुछ दिन पहले ही एमएसके प्रसाद ने कहा था कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कुछ खिलाड़ियों के लिए कठोर निर्णय भारतीय क्रिकेट के भविष्य को देखते हुए लिए थे. इसके अलावा उन्होंने फारूख इंजीनियर द्वारा अनुष्का शर्मा पर चाय पिलाने वाले बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी.