भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का सफ़र अब मुंबई आ पहुंचा है, टीम इंडिया पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-0 से आगे है और इस सीरीज का यह चौथा मैच है, जो मुंबई के ऐतिहासिक वानखेड़े के मैदान पर खेला जा रहा है.
गुरुवार को मेहमान टीम इंग्लैंड के कप्तान ने सुबह टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया. उनका यह फैसला उनके नए सलामी जोड़ीदार युवा बल्लेबाज़ किटोन जेंनिंग्स ने सही साबित किया और कप्तान के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 99 रनों की लाजवाब साझेदारी की.
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टीम इंडिया को पहली कामयाबी, रविन्द्र जडेजा ने दिलाई, जब जडेजा की गेंद पर ख़राब शॉट खेलते हुए, इंग्लैंड के कप्तान एलेस्टर कुक स्टंप आउट हो गए. उसके बाद रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर जमकर वार किया और चार विकेट अपने नाम किए.
अश्विन ने जो रूट, मोइन अली, किटोन जेंनिंग्स और जोनी बेयरस्टो का विकेट लेकर मेहमान टीम की कमर तोड़ दी. हालांकि इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज़ किटोन जेंनिंग्स ने टेस्ट करियर की पहली पारी में शतक ज़रूर लगाया, लेकिन दिन का खेल ख़त्म होने तक इंग्लैंड की टीम ने अपनी आधी विकेट गवा दी है जबकि स्कोर पर उन्होंने 288 रन लगा लिए है.
दिन के खेल ख़त्म होने के बाद भारत के लिए दिन के खेल के सबसे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ रहे, रविचंद्रन अश्विन ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा, कि टीम इंडिया अब एक विकेट कम हासिल कर सकी.
अश्विन ने कहा,
“जब हमने इंग्लैंड के खिलाफ आख़िरी बार यहाँ टेस्ट मैच खेला था उस समय भी पहले दिन काफी टर्न हुई लेकिन दूसरे और तीसरे दिन पिच बल्लेबाज़ी के लिए काफी अच्छी थी. मुझे यह विकेट उसी तरह दिख रही है, हम उस समय 300-330 रन बनाकर बच गए थे.”
अश्विन ने आगे कहा,
“अगर हम एक और विकेट हासिल करने में कामयाब होते तो काफी अच्छा होता, हम काफी करीब आ गए थे, लेकिन अब हमारा ध्यान पूरी तरह से इंग्लैंड के बाकी विकेट जल्द से जल्द हासिल करने पर है.”
अंत में अश्विन ने वानखेड़े के विकेट पर कहा, कि
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“वानखेड़े का मैदान हमेशा से ही पहले बल्लेबाज़ी कर बड़ा स्कोर खड़ा करने के लिए जाना जाता है, और हमे पता था, कि हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है. यहाँ की विकेट में शुरुआत में सुबह नमी होती है, जिसका हमे फायदा उठाना चाहिए था, जो हम दुर्भाग्यपूर्ण नहीं कर सके.”