धोनी

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तान रहे। उन्होंने भारत को खिताबी जीत तो दिलाने के साथ-साथ तमाम मैच विनर खिलाड़ी भी तैयार किए। आज जब भी विश्व क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ कप्तानों का जिक्र उठता है, तो माही का नाम उस चर्चा में अदब के साथ लिया जाता है। सीएसके में माही की कप्तानी में खेल चुके मुथैया मुरलीधरन ने भी माही की कप्तानी की तारीफ की।

धोनी के फैसले होते हैं बेहतरीन

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महेंद्र सिंह धोनी 2008 से ही आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी करते नजर आते हैं। श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने 2008 से 2011 तक माही की कप्तानी में सीएसके के लिए खेला है। अब रविचंद्रन अश्विन के यू-ट्यूब शो डीआरएस विद ऐश में मुथैया मुरलीधरन ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की। मुरलीधरन ने कहा कि,

“जब एम एस धोनी ने 2007 का टी20 वर्ल्ड कप जीता था तब वो एक युवा कप्तान थे। लेकिन कप्तान के तौर पर धोनी के फैसले काफी बेहतरीन रहते हैं। वो गेंदबाज से खुद कहते हैं कि अपने हिसाब से फील्ड लगाकर गेंदबाजी करो। अगर वो प्लान काम नहीं किया तब वो खुद फील्ड लगाते हैं।”

अच्छी गेंद पर छक्का लगने पर भी बजाते हैं ताली

मुथैया मुरलीधरन ने सीएसके के लिए 40 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 41 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया। अब मुरलीधरन ने आगे माही की कप्तानी के तरीके के बारे में बात करते हुए कहा कि,

“अगर अच्छी गेंद पर छक्का भी लग जाता है तब भी एम एस धोनी ताली बजाएंगे और गेंदबाज की तारीफ करेंगे। एम एस धोनी गेंदबाज से यही कहेंगे कि तुमने गेंद अच्छी डाली है लेकिन ये बल्लेबाज का टैलेंट है कि उसने इस पर छक्का लगाया है।”

“धोनी कभी किसी गेंदबाज को सबके सामने नहीं बोलते थे। वो अकेले में उस गेंदबाज को समझाते थे। अपनी इन्हीं सब क्वालिटी की वजह से आज वो इतने सफल कप्तान हैं।”

शांत होकर सोचते हैं धोनी

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महेंद्र सिंह धोनी को कैप्टन कूल के नाम से भी जाना जाता है। वह जब भारत के लिए कप्तानी करते थे, तब भी उनका दिमाग एकदम शांत रहता था और अब सीएसके की कप्तानी के दौरान भी वह शांत अंदाज से फैसले लेते हैं। इस बारे में मुरलीधरन ने कहा कि,

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“एम एस धोनी काफी शांत होकर सोचते हैं। ये उनका प्लस प्वॉइंट है। यहां तक कि जब वो युवा थे तब भी वो लोगों की सलाह मानते थे। वो लोगों की सलाह सुनकर ही कोई फैसला लेते थे। उनके कप्तानी करने का यही तरीका था। यही चीज है जो एम एस धोनी को सबसे अलग बनाती है।”