इस समय ऐसा था जब भारतीय टीम अपने स्पिन अटैक के लिए ही जानी जाती थी. लेकिन अब समय बदल गया है. स्पिन अटैक अब भारतीय टीम का दूसरा हथियार बन गया है. पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज मुश्ताक अहमद ने अब भारतीय टीम के एक स्पिनर को बेहतर गेंदबाजी करने की सलाह देते हुए क्रीज का इस्तेमाल करने को कहा है.
मुश्ताक अहमद ने इस भारतीय गेंदबाज को दिया सलाह
पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज मुश्ताक अहमद मानना है की भारतीय कप्तान स्पिनरों का इस्तेमाल अच्छे से करते हैं. उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली को इसके कारण तारीफ भी की. उसके साथ ही उन्होंने एक भारतीय स्पिनर को सलाह भी दिया. अब पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में मुश्ताक अहमद ने कहा कि
” अब भारत तीनों प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करके जीत हासिल कर रहा है. क्योंकि वो अपने गेंदबाजो का इस्तेमाल बहुत ही अच्छे से करते हैं. धोनी सीमित ओवरों के क्रिकेट में अपने गेंदबाजों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराने में माहिर थे. अब उनके पास विराट कोहली के जैसा कप्तान मौजूद है. चहल बहुत अच्छे गेंदबाज हैं लेकिन क्रीज का बेहतर इस्तेमाल कर सकते हैं. वह कई बार क्रीज पर जा सकते हैं.”
स्पिनरों को विकेट लेने का तरीका बताया मुश्ताक अहमद ने
मौजूदा समय के क्रिकेट में स्पिन गेंदबाजो को विकेट लेने का तरीका बताते हुए मुश्ताक अहमद ने कहा कि
” आपको पिचों को समझने के लिए काफी स्मार्ट होना चाहिए. यदि एक सपाट पिच है, तो आप स्टंप टू स्टंप गेंदबाजी कर सकते हैं. आपको बल्लेबाज से एक कदम आगे रहना होगा. आपको बल्लेबाज की ताकत के अनुसार अपनी फील्ड स्थिति पता होनी चाहिए. मैं हमेशा कहता हूं कि फील्डरों के साथ हमला करो, गेंद से नहीं. यदि आप उस सिद्धांत को समझते हैं, तो आप हमेशा सफल रहेंगे. यदि गेंद ग्रिप कर रही है तो क्रीज के वाइड जाकर बल्लेबाज को परेशान करने वाला कोण बना कर गेंदबाजी कर सकते हैं. इस तरह से गेंद बल्लेबाज के मुताबिक उतनी गुगली भी नहीं होती. जिससे विकेट आसानी से मिल सकते हैं.”
सफल पाकिस्तान के गेंदबाज थे मुश्ताक
अपने पाकिस्तान टीम के लिए मुश्ताक अहमद ने 52 टेस्ट मैच खेले थे. जिसमें उन्होंने 32.97 के औसत से 185 विकेट अपने नाम किये. जिसमें 10 बार पारी में 5 विकेट लेने का कारनामा भी किया. वहीँ 144 एकदिवसीय मैच में अहमद ने 33.3 के औसत से 161 विकेट भी अपने नाम किये थे. इस बीच उनकी इकॉनमी रेट मात्र 4.26 की ही थी.