जब दो बार मिला था इस भारतीय क्रिकेटर को पाकिस्तानी नागरिक बनने का प्रस्ताव, फिर इस क्रिकेटर ने दिया था यह जवाब 1

मुश्ताक अली, जो घर से बाहर टेस्ट क्रिकेट के किसी टेस्ट मैच में शतक बनाने वाले पहले भारतीय थे, वह क्रिकेट जैसे खेल में एक महान व्यक्ति थे। बता दें कि उन्होंने सन 1934 और 1952 के बीच 11 टेस्ट मैच खेले थे । उन्होंने 1936 में ओल्ड ट्रैफर्ड में 112 रनों की शानदार पारी खेली थी और साथ ही इस जीत को हासिल करने के लिए उन्होंने विजय मर्चेंट के साथ 203 की पहले विकेट लिए साझेदारी भी की थी।

इसी बीच आपको याद दिला दें कि मुश्ताक अली, जिनका 90 वर्ष की आयु में निधन हो चूका हैं, उस समय विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए लोकप्रिय थे और बहुत अच्छा क्रिकेट खेला करते थे। उनकी कहानियाँ दुनिया के इस हिस्से में किंवदंतियों की चीजें बनकर उभर गयी हैं और बता दें कि उनका बेटा गुलरेज अली हैं।

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जब दो बार मिला था इस भारतीय क्रिकेटर को पाकिस्तानी नागरिक बनने का प्रस्ताव, फिर इस क्रिकेटर ने दिया था यह जवाब 2

हालांकि, अधिक लोगों को यह नहीं पता होगा कि विदेश की भूमि पर भारत के लिए पहला टेस्ट शतक सैयद मुश्ताक अली को पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने पाकिस्तान की नागरिकता की पेशकश की थी। मुश्ताक अली (अब स्वर्गीय) ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। मुश्ताक के बेटे, गुलरेज अली ने याद किया कि विभाजन के बाद 1948 में भुट्टो ने अपने पिता से पाकिस्तानी नागरिकता लेने के लिए कहा था। इसी बीच आपको बता दें कि मुश्ताक अली को पाकिस्तान देश की नागरिकता को एक नहीं बल्कि दो बार प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से प्रस्ताव प्राप्त हुआ था।

इस प्रकार मुश्ताक के बेटे गुलरेज ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया को बताया, “मेरे पिता ने मुझसे एक बार कहा था कि उन्हें ज़ुल्फिकार अली भुट्टो ने आमंत्रित किया है, अगर मेरी याददाश्त सही है, यह बात सन 1947-48 की हैं जब उन्हें पाकिस्तान जाने और वहां रहने का प्रस्ताव मिला लेकिन मेरे पिता ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था, इसके बाद गुलरेज ने कहा, ‘मुझे लगता है कि 70 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मुलाकात करने के लिए ऐसा प्रस्ताव दूसरी बार मिला था।

इसके बाद आपको बता दें कि मुश्ताक अली ने दोनों बार के प्रस्तावों को शिष्टतापूर्वक यह कहते हुए वापस कर दिए कि ‘भारत मेरा घर है, इसने मुझे सब कुछ दिया है और मैं अपनी पूरी जिंदगी यहीं रहूंगा।’

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RAJU JANGID

क्रिकेट का दीवाना हूँ तो इस पर लिखना तो बनता है।