पूर्व भारतीय बिस्फोटक सलामी बल्लेबाज विरेंद्र सहवाग जो अपने बिंदास अंदाज के लिए जाने जाते थे, उन्होंने कहा, अपने करियर के शुरूआती दिनों में मैनें अपनी तकनीक सचिन तेंदुलकर की तरह की थी.
सहवाग ने कहा, जब मै छोटा था तब मै 10 और 12 ओवर के मैच खेलता था, और मिडल अॉर्डर में बल्लेबाजी करता था. तब मुझे कम गेंदें खेलने को मिलती थी, और मै ज्यादा से ज्यादा रन बनाने की कोशिश करता था. और वैसा ही मै प्रथम श्रेणी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलता रहा, जिससे टेस्ट में मेरा स्ट्राईक रेट 80 से ज्यादा था.
उन्होंने कहा, मै बस अपना खेल खेलना चाहता था, और कुछ अलग करना चाहता था. मै सचिन की तरह बल्लेबाजी करने की कोशिश करता था. तब मुझे पता चला की सचिन सिर्फ एक ही हो सकता है, और मैने अपना स्टाईल बदल लिया.
आईपीएल के उपर सहवाग ने कहा, ये नये भारतीय खिलाडियों के लिए अच्छा मंच है. जब मै अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आया तब हमे 20 अच्छे मैच खेलने पड़ते थे. शिखर धवन को या लोकेश राहुल को देखे, जिन्होंने अपने पहले ही टेस्ट में शतक लगाया, जो कि आईपीएल की वजह से संभव हुआ है.
रविंद्र जडेजा, युसुफ पठान, डेविड वॉर्नर, ग्लैन मैक्सवेल जैसे खिलाडी आईपीएल से ही सभी के सामने आए.
सहवाग और सचिन की जोडी क्रिकेट की सबसे खतरनाक सलामी जोडी थी, जो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त करती थी.