वॉशिंगटन सुंदर के नाम का खुला रहस्य, सुंदर का नाम इस पूर्व सेनाध्यक्ष की याद में पर पड़ा वॉशिंगटन 1

आईपीएल के इस सीजन में स्टार खिलाड़ियों के साथ-साथ युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी अपने प्रदर्शन के दम पर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रह रहे हैं। इस आईपीएल में कई युवा खिलाड़ी बड़ी-बड़ी टीमों के सामनें अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा कर अपनी काबिलियत का अहसास करा रहे हैं। इन्ही युवा खिलाड़ियों में से एक हैं तमिलनाडू के युवा स्पिन गेंदबाज वॉशिंगटन सुंदर… आईपीएल में राईजिंग पुणे सुपरजॉइंट की तऱफ से खेल रहे वॉशिंगटन सुंदर ने पहले क्वालिफायर मुकाबले में मुंबई इंडियंस के खिलाफ शानदार प्रदर्शन कर रातों-रात स्टार बन बैठे हैं।

वॉशिंगटन सुंदर के नाम का खुला रहस्य

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आईपीएल में मुंबई इंडियंस के खिलाफ तमिलनाडू के महज 17 साल के युवा स्पिन गेंदबाज वॉशंगटन सुंदर ने शानदार गेंदबाजी कर सबको हैरत में डाल दिया। वॉशिंगटन के सुंदर प्रदर्शन से राईजिंग पुणे सुपरजॉइंट ने फाइनल में प्रवेश कर लिया। ये तो अलग बात है अब सवाल उठता है कि सुंदर का नाम आखिर वॉशिंगटन कैसे पड़ा इस बात का वॉशिंगटन के पिता एम सुंदर ने खुद खुलासा किया है।मुंबई के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने वाले वाशिंगटन सुंदर के पिताजी ने वाशिंगटन सुंदर को लेकर किया चौकाने वाला खुलासा

वॉशिंगटन सुंदर के नाम का खुला रहस्य, सुंदर का नाम इस पूर्व सेनाध्यक्ष की याद में पर पड़ा वॉशिंगटन 2

 

एक पूर्व सैनिक के नाम पर पड़ा वॉशिंगटन नाम

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वॉशिंगटन सुंदर के पिता एम सुंदर ने एक इंटरव्यू में बताया कि मैं एक हिंदू के बेहद ही नम्र परिवार से आता हूं। त्रिपालिकेन में मेरे घर के दो से दो मोहल्ले ही दूर ही पूर्व सैनिक रहते थे जिन्हें पी. डी. वॉशिंगटन कहते थे। वॉशिंगटन को क्रिकेट का बहुत शौक था और वो हमेशा मरीना मैदान में हमें खेलते हुए देखने के लिए आते रहते थे। वो मेरे खेल को पसंद करने लगे। मैं बहुत ही गरीब था और उन्होनें मेरे लिए स्कूल यूनिफॉर्म खरीदी मेरी स्कूल फी चुकाई साथ ही उन्होनें मुझे किताबें लाकर दी। वो मुझे हमेशा अपनी साईकिल पर बिठाकर मैदान तक ले जाते थे और मुझे प्रेरित भी करते रहते थे।

पी.डी वॉशिंगटन को गॉडफादर मानाते हैं सुंदर के पिता

ये रिश्ता बड़ा ही मजबूत होने लगा। इसके बाद  उनको  गॉडफादर के रूप में मानकर हमने फैसला किया कि अगर हमारा पहला लड़का हुआ तो उसको हम वॉशिंगटन जूनियर के नाम से बुलाएंगे। 1999 में मेरे पहले बेटे का जन्म हुआ था और तुरंत बाद ही पी. डी. दुनिया से चल बसे।मेरी पत्नी की बड़ी मुश्किल डिलिवरी हुई थी। लेकिन बच्चा बच गया। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार मैनें उसके कान में भगवान का नाम लेकर श्रीनिवासन फुसफुसाया लेकिन मैनें फैसला किया था कि वॉशिंगटन की याद में इसका नाम वहीं रहेगा। वैसे भी वॉशिंगटन सुंदर ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है। पुणे सुपरजायंट को प्ले ऑफ का टिकट दिलाने वाले वाशिंगटन सुंदर के बारे में शायद ही ये बाते जानते होंगे आप