रोड सेफ्टी वर्ल्ड कप 2022 के पहले सेमीफाइनल में इंडिया लेजेंड्स ने ऑस्ट्रेलिया लेजेंड्स को 5 विकेट से हराकर फाइनल में एंट्री कर ली है। इस मैच में भारत की तरफ से जीत के रियल हीरो बनकर उभरे खिलाड़ी नमन ओझा (Naman Ojha) ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर अहम योगदान दिया।
उनकी इस तूफानी पारी ने भारत को फाइनल का टिकट तो दिला दिया, लेकिन ये खिलाड़ी वहीं है जिसे पहले टीम इंडिया ने ठुकराया था। लेकिन लेजेंड बनते ही Naman Ojha ने अपने हुनर का लोहा मनवाते हुए हर जगह सुर्खियां बटोर ली है।
नमन ओझा ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर टीम को फाइनल में पहुंचाया
बता दें इंडिया लेजेंड्स ने ऑस्ट्रेलिया लेजेंड्स को रोड सेफ्टी वर्ल्ड कप 2022 के पहले सेमीफाइनल में 5 विकेट से हराकर लगातार दूसरी बार फाइनल में एंट्री कर ली है। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया लीजेंड्स के 172 रनों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इंडिया लीजेंड्स (India Legends) की तरफ से नमन ओझा (Naman Ojha) और सचिन तेंदुलकर ने पारी की शरुआत की। इस दौरान दोनों ही बल्लेबाजों के बीच पहली विकेट के लिए महज 38 रनों की ही साझेदारी हुई।
वहीं स्टुअर्ट बिन्नी और युसूफ पठान का भी बल्ला खामोश रहा लेकिन इरफान पठान ने नमन ओझा का बखूबी साथ निभाया और दोनों ने मिलकर इंडिया लीजेंड्स (India Legends) को फाइनल में पहुंचा दिया। मैच में भारत की जीत के हीरो रहे नमन ओझा(Naman Ojha), जिन्होंने 172 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 62 गेंदों में नाबाद 90 रन बनाए।
नमन ओझा को टीम इंडिया में नहीं मिले ज्यादा मौके
बता दें टीम इंडिया की तरफ से खेलते हुए नमन ओझा (Naman Ojha) को ज्यादा मौके नहीं मिले। उन्होंने भारत के लिए सिर्फ 4 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें 1 वनडे 1 टेस्ट और 2 टी-20 मैच शामिल हैं। बता दें नमन ओझा महेंद्र सिंह धोनी के युग में खुद को स्थापित करने में नाकाम रहे। हालांकि अपनी तेजतर्रार बल्लेबाज़ी और अच्छे प्रदर्शन के बावजूद भी उन्हें भारत के लिए पहली पसंद के विकेटकीपर नहीं बन सके और लगातार टीम इंडिया में खेलने के लिए कोशिशें करते रहे।
दरअसल जब धोनी ने टेस्ट से संन्यास लेने का फैसला किया था, तो उस समय Naman Ojha को टेस्ट में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला और उन्होंने साल 2015 में श्रीलंका के खिलाफ पदार्पण किया। उन्हें साल 2005 में जिम्बाब्वे में एक त्रिकोणीय सीरीज में वनडे मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया गया था, हालांकि वो अपनी प्रतिभा दिखाने में नाकाम रहे और उस मैच में वो सिर्फ एक रन ही बना पाए। ऐसे में लेजेंड बनकर ओझा ने कमाल का प्रदर्शन दिखाकर ये साबित कर दिया है कि भारतीय टीम ने एक होनहार विकेटकीपर बल्लेबाज खो दिया है।