टीम इंडिया में आठ लम्बे सालो बाद वापसी करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज़, पार्थिव पटेल ने इंग्लैंड के खिलाफ काफी अच्छा प्रदर्शन किया और चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट के लिए एक बड़ा सिरदर्द खड़ा कर दिया है.
पार्थिव को टीम में जगह उस समय मिली, जब इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के बाद टीम इंडिया के मुख्य विकेटकीपर बल्लेबाज़ रिद्धिमान साहा चोटिल हो गए और उन्हें बाकी के तीन टेस्ट मैचो से बाहर होना पड़ा.
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पार्थिव ने मिले मौके को नहीं गँवाया और बल्ले के साथ-साथ विकेट के पीछे भी अच्छा प्रदर्शन किया. पार्थिव ने तीन मैचो की चार पारियों में 65 की बेहतरीन औसत से 195 रन बनाए. विकेट के पीछे भी पार्थिव का प्रदर्शन ठीक रहा और अब टीम मैनेजमेंट के लिए यह दुविधा सामने आ सकती है, कि जब साहा पूरी तरह से फिट होंगे उस समय पार्थिव को टीम से किस कारण बाहर करें.
पार्थिव ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, कि “कोई भी विकेटकीपर 100 प्रतिशत रिकॉर्ड नहीं रख सकता.”
पार्थिव से जब पूछा गया, कि आपकी विकेटकीपिंग को लेकर काफी सवाल उठते रहते है, क्या आपने कभी खुदकी तुलना रिद्धिमान साहा से की है?
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इस सवाल पर पार्थिव ने कहा, कि
“मैं कभी भी किसी से तुलना करने में विश्वास नहीं रखता, मैंने यह पहले भी कई बार कहा है, कि आप मुझे एक ऐसा विकेटकीपर दिखा दीजिए, जिसने कभी भी एक भी कैच नहीं छोड़ा हो. क्योंकि नज़रे मुझपर थी, इसलिए सभी कैच जो मैंने छोड़े उन पर सभी का ध्यान गया, लेकिन जो कैच मैंने बैयेरस्टो और स्टोक्स का पकड़ा उसकी किसी ने बात नहीं की और मुंबई में एलिस्टर कुक की स्टंपिंग भी जिसमे गेंद काफी उछली.”
पार्थिव ने आगे कहा,
“अब मैं काफी ज्यादा बदल चूका हूँ और मेरे पास काफी अनुभव भी है और मुझे उम्मीद है आगे जब भी मुझे मौका मिलेगा तो मैं दबाव को आसानी से झेल सकता हूँ.”