विश्व क्रिकेट के मानचित्र पर हाल के समय में एशिया की सनसनी अफगानिस्तान की टीम ने अपने प्रदर्शन से खासा प्रभावित किया है। अफगान टीम के अलावा एशिया की एक और टीम है जिसको अपने इंटरनेशनल क्रिकेट की मान्यता मिल गई है वो है नेपाल क्रिकेट टीम…
इंटरनेशनल के बाद अब सभी तरह की क्रिकेट से संन्यास का फैसला किया नेपाल के शक्ति ने
नेपाल क्रिकेट टीम ने अभी-अभी ही तो अपने इंटरनेशनल वनडे क्रिकेट का आगाज किया है लेकिन हाल ही में उनके सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक शक्ति गौचन ने इंटरनेशनल क्रिकेट को तो अलविदा कह दिया। साथ ही साथ अब सभी तरह की क्रिकेट को भी छोड़ने का मन बना लिया है।
जी हां नेपाल के लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाज शक्ति गौचल ने बुधवार को अपने इंटरनेशनल क्रिकेट के बाद अब सभी तरह की क्रिकेट को बाय-बाय कहने का मन बना लिया है।
16 साल के क्रिकेट करियर के साथ शक्ति हैं नेपाल के सबसे अनुभवी खिलाड़ी
34 साल के नेपाल के लिए सबसे ज्यादा साल तक क्रिकेट खेलने वाले शक्ति गौचन ने 15 दिसंबर को नेपाल में खेले गए एवरेस्ट प्रीमियर लीग में अपना आखिरी मैच खेला।
शक्ति गौचन ने अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत 2002 में अपनी 18 साल की उम्र में की थी। जिसके बाद से वो लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं। अपने 16 साल के क्रिकेटर करियर को शक्ति गौचन ने अब थामने का फैसला कर ही लिया है।
मुझे मेरे देशवासियों से मिला खास सम्मान
नेपाल के शक्ति गौचन ने 24 लिस्ट ए मैच खेले जिसमें उन्होंने अपने नाम 163 रन बनाने के साथ ही 18 विकेट हासिल किए तो वहीं उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 4 मैचों में 171 रन बनाए और 5 विकेट अपने नाम किए।
गौचन ने अपने सन्यास के बाद भावुक होते हुए कहा कि “मुझे लगता है कि दर्शकों से सम्मान और प्यार का ये गार्ड मेरे देश से मुझे मेरे ईमानदार योगदान और खेल के प्रति निष्ठा का परिणाम है।”
जब पहली बार राष्ट्र गान बजा तो मेरी अंर्तआत्मा ने दी देश के लिए खेलने की सलाह
शक्ति ने आगे कहा कि “जब मैं अपने देश के लिए पहली बार 2001 में एसीसी यू-17 यूथ एशिया कप में खेला तो बांग्लादेश में हुए इस मैच में पहली बार हमारे देश का राष्ट्र गीत गाया गया तो मेरी अंर्तआत्मा ने मुझे कहा कि तुम नेपाल में पैदा हुए हो और तुम्हें इसके लिए कुछ करना है।”
शक्ति गौचन ने आगे कहा
“क्रिकेट एकमात्र चीज है जो आपको निर्देशित करेगी। 18 साल में ही क्रिकेट से जो मैंने अर्जित किया है वो कुछ ऐसा है जिस पर मुझे गर्व है। मैं एक अकांउटेट योग्यता रखता हूं. मेरे माता-पिता ने सोचा कि उनका आज्ञाकारी बेटा सीए बनने के लिए अध्ययन करे, लेकिन मेरे पास दूसरी चीजों को ध्यान में रखा गया था। एक उत्साही क्रिकेट प्रशंसक होने के कारण मैं अपने पसंदीदा खेल के आसपास ही काम कर रहा था।”
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