आईपीएल की किंग्स इलेवन पंजाब के सह मालिक नेस वाडिया फ्रेंचाइजी का साथ छोड़ सकते हैं। वह आईपीएल के साथ 2008 से जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट्स की माने तो उनका परिवार नहीं चाहता कि वह अब आईपीएल के साथ जुड़े रहे। उनके पिता उद्योगपति नुस्ली वाडिया हैं और परिवार आईपीएल से अलग होना चाहता है। पिछले कुछ साल से नेस आईपीएल के दौरान नहीं के बराबर दिखते हैं।
आईपीएल फ्रेंचाइजी में इतनी हिस्सेदारी
आईपीएल 2008 के शुरु होने से पहले मोहली की फ्रेंचाइजी को नेस वाडिया और कई अन्य ने मिलकर खरीदा था। इसमें नेस वाडिया की हिस्सेदारी 23 प्रतिशत की है, वहीं इतनी ही हिस्सेदारी प्रीति जिंटा की भी है।
डाबर वाले बर्मन का इसमें 46% की हिस्सेदारी है और बाकि 8% में कई लोग शामिल हैं। अगर वाडिया अपनी हिस्सेदारी छोड़ते हैं तो फ्रेंचाइजी को नए निवेशकों की भी जरुरत पड़ने वाली है।
मोहित बर्मन से पूछे गये सवाल
खबरें यह भी हैं कि फ्रेंचाइजी निवेशक को लेकर कई लोगों से में है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में यूके के बैंकर से भी बात की गयी थी, पर बात कहां तक पहुंची है यह साफ़ नहीं है। इसपर जब सह मालिक मोहित बर्मन से पूछा गया तो उन्होंने कहा
“कई ऐसे हैं जिन्होंने समय के साथ हमसे संपर्क किया है। लेकिन मैं नेस के बारे में नहीं जानता, आपको उससे पूछना पड़ेगा। आपको उसके परिवार से पूछना पड़ेगा।”
बीसीसीआई चुनाव का करना पड़ेगा इंतजार
आईपीएल फ्रेंचाइजी के शेयर को बेचने के लिए आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की अनुमति लेनी पड़ती है। इस समय आईपीएल की कोई भी गवर्निंग काउंसिल नहीं है। इसी वजह से फ्रेंचाइजी को चुनाव तक का इंतजार करना पड़ेगा। इस बारे में टीओआई के सोर्स ने बताया
“एक हिस्सेदारी बिक्री में आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की अनुमति शामिल होगी। और तथ्य यह है कि अब कोई गवर्निंग काउंसिल नहीं है। इसलिए, भले ही इनमें से कोई भी फ्रेंचाइजी किसी निवेशक बात कर ले लेकिन उन्हें अभी भी बीसीसीआई चुनाव के लिए इंतजार करना होगा।”