भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी गौतम गंभीर का सुरक्षा बलों के प्रति प्रेम किसी से छिपा नहीं है। उन्होंने पुलवामा हमले के बाद विश्व कप में पाकिस्तान का बहिष्कार करने तक की बात कह डाली थी। इतना ही नहीं उन्होंने शहीदों के बच्चों की शिक्षा का जिम्मा भी अपने कंधों पर उठाया है। अब गंभीर ने आर्मी में खिलाड़ियों की रैंक के बारे में बोलते हुए कहा है कि “मैं सुरक्षा बलों में पोजीशन पाने वाले खिलाड़ियों का समर्थन नहीं करूंगा।”
सुरक्षा बलों को नहीं है प्रचार की ज़रूरत
विश्व कप के दौरान महेंद्र सिंह धोनी बलिदान बैज वाले दस्ताने पहनकर मैदान पर उतरे थे। इस बैज में सेना का प्रतीक चिन्ह था। इसपर गंभीर ने कहा, भले ही धोनी ने कुछ नहीं लिखा, मगर यह खबर बन गई, लेकिन इसे खबर नहीं बनना चाहिए था। हालांकि बाद में आईसीसी के कहने पर धोनी ने ग्लव्स बदल लिए थे।
अब गौतम गंभीर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, कि
“देखिए, यह ठीक है। अगर वह इसका आनंद लेता है। देश के लिए भक्ति की भावना अंदर से आती है तो वह इसे पहनना बिलकुल सही है। लेकिन इसे खबरों में नहीं बनाया जाना चाहिए। यकीन मानिए मुझे लगता है, सेना को किसी भी समर्थन की जरूरत नहीं है।
सेना को किसी भी मार्केटिंग की भी जरूरत नहीं है। मैं रक्षा बलों में लोगों को रैंक दिए जाने के पक्ष में कभी नहीं रहा। मैं इसके बारे में बहुत मुखर रहा हूं। उस वर्दी को हासिल करने के लिए लोगों ने अपना पसीना और खून बहा दिया। देश के सुरक्षा बल हमारे लिए कुछ है, कम से कम रक्षा सेवाओं को तो छोड़ दो… ”
गौतम गंभीर नहीं करते धोनी का समर्थन
भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पैराशूट रेजिमेंट की 106 पैरा टैरिटोरियल आर्मी के लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर आसित हैं। उन्होंने विश्व कप के बाद 15 दिन कश्मीर में अपनी बटालियन के साथ बिताए थे। इसपर गंभीर ने धोनी की तारीफ करते हुए कहा,
“हां, एमएस धोनी ने एक शानदार काम किया है। वह कश्मीर गए, सेना की सेवा की इसके लिए हैड्स ऑफ। लेकिन मैं रक्षा बलों में मानद पद पाने वाले लोगों को समर्थन नहीं दूंगा।