भारत के महान सलामी बल्लेबाज़ गौतम गंभीर ने हाल में ही क्रिकेट से संन्यास लिया है.क्रिकेट फैन्स उनकी आज भी फाइनल्स में खेली गई कोई भी पारी नही भूले है. ऐसे में हाल में ही गौतम गंभीर ने इंटरव्यू दिया है. इस दौरान उन्होंने फाइनल में खेलने को लेकर बात की. इस दौरान उन्होंने बताया किस वजह से वो फाइनल में हमेशा से बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं. इसके अलावा युवा खिलाड़ियों को भी उन्होने सलाह दी कि कैसे वो और बेहतर हो सकते हैं.
बताया किस तरह से फाइनल में कर सकते है बेहतर
रिपब्लिक समिट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सबसे अहम चीज है कि मौके के बारे में सोचा नहीं जाये.आप मौकों को खुद पर हावी नहीं देने दे सकते. यह तब भी गेंद और बल्ले के बीच मुकाबला रहता है, चाहे यह विश्व कप का फाइनल हो या फिर किसी अन्य मैच का मुकाबला.
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह स्वीकार करना मुश्किल है कि यह क्रिकेट का कोई अन्य मुकाबला होगा, बस एक खिलाड़ी को यही सोचना चाहिए. मैंने ऐसे ही तैयारी की है, वैसे भी यह विश्व कप का फाइनल हो या फिर विश्व कप का पहला मैच, मुकाबला विश्व कप का फाइनल नहीं है बल्कि मुकाबला गेंदबाज और बल्लेबाज के बीच का है.
वही खुद को तैयारी को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि फाइनल जब आप खेलते है तो आप को ये सोचना चाहिए कि मैं खेल रहा हूं तो मुझे अगली गेंद को खेलना होगा और अगली गेंद पर मैं जो कुछ कर सकता हूं, उसके लिये मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ करना होगा. मैं विश्व कप में इसी सोच से उतरा, मैंने मौके की व्यापकता या मंच के बारे में नहीं सोचा क्योंकि क्रिकेट गेंद को देखकर उसके हिसाब से खेलना होता है.
वर्ल्ड जीतना सपना था मेरा
वर्ल्ड में जीत को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैं बड़ा हो रहा था तो मेर सपना विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा होना था. मैंने किसी भी तरह का पहला विश्व कप 2007 में खेला और मैं विजेता टीम का हिस्सा बना, इसलिये मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे देश के लिये एक बार नहीं बल्कि दो बार कुछ विशेष करने का मौका मिला.