भारतीय क्रिकेट में अक्सर कुछ बेहतरीन क्रिकेटर्स टीम मैनेजमेंट या चयनकर्ता के दुराग्रह और पूर्वाग्रह का शिकार हुए. तो वहीं दूसरी और कुछ क्रिकेटर्स को लगातार नाकाम होने के बाद भी कोच, कप्तान या टीम मैनेजमेंट के रहम-ओ-करम पर टीम में मौका मिलता रहता है. ये स्थिति भारतीय टीम में आज से नहीं पिछले एक लंबे अरसे से चली आ रही है.
धोनी की कप्तानी के दौरान भी कई खिलाड़ियों को लगातार मौके दिए जाने पर सवाल उठे. लेकिन उस बात का जवाब ये भी दिया जाता है कि जिन खिलाड़ियों पर धोनी ने भरोसा दिखाया उन्होंने बाद में परफ़ॉर्म भी कर के दिया.
फिलहाल हम बात करेंगे ऐसे 3 खिलाड़ियों की जिन्हें ख़राब प्रदर्शन के बाद भी लगातार मौके मिल रहे हैं. लेकिन नई चयन समिति के आने के बाद संभावनाएं जताई जा रही हैं कि औसत प्रदर्शन कर रहे इन खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है.
संजू सैमसन
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ़ चल रही टेस्ट सीरीज़ से पहले खेली गई सीमित ओवरों की सीरीज़ में संजू सैमसन को टीम में शामिल किया गया था. लेकिन पूरी सीरीज़ में सैमसन बल्ले से कुछ भी बेहतर डिलीवर करने में नाकाम रहे.
उन्हें खुद को साबित करने के लिए कई मौके दिए गए. लगातार कमजोर क्रिकेट खेलने के बावजूद उन्हें टीम में मौका दिया जाता रहा है. त्रिवेंद्रम के इस 26 वर्षीय बल्लेबाज़ ने अभी तक भारत के लिए 7 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. इन 7 मैचों में उन्होंने 11.85 के बेहद साधारण से औसत से महज़ 83 रन ही बनाए हैं. जिसमें उनका एक पारी का सर्वाधिक स्कोर 23 रहा है.
नए मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा की अध्यक्षता वाली चयन समिति के पैनल के आने के बाद पूरे कयास लगाए जा रहे हैं कि ख़राब प्रदर्शन की वजह से सैमसन के ऊपर भी गाज़ गिर सकती है.