निवेथान राधाकृष्णन जैसा क्रिकेटिंग टैलेंट बहुत ही कम लोंगो को ही नसीब होता है. उसने सन 2011 में महज 8 वर्ष की छोटी सी उम्र में टीएनसीए(तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन ) के लीग मैच में खेलते हुए हैट्रिक ली. अब 6 साल यह 14 साल का स्पिनर अपने पहले टीएनपीएल की तैयारी कर रहा है.
उम्र छोटी मगर देशभक्ति बहुत बड़ी –
निवेथान इन 6 सालों मे चेन्नई के लिए नही खेल पाया क्योंकि उसके पिता कुछ व्यक्तिगत कारणों से सन 2012 में ऑस्ट्रेलिया में रहने चले गये, लेकिन वो ऑस्ट्रेलिया में न केवल खेलता रहा बल्कि अपने प्रदर्शन से ऑस्ट्रेलिया के दिगाज्जों का ध्यान अपनी ओर खीचा. उसने न्यू साउथ वेल्स की तरफ से खेलते हुए ओपनिंग करते हुए न केवल शतक मारा बल्कि कई विकेट भी लिए. इस दक्षिण-पश्चिम गेंदबाज ने 195 रनो की नाबाद पारी खेली, लेकिन उसने न्यू साउथ वेल्स की और से खेलने की बजाय चेन्नई की तरफ से खेलना पसंद किया.
करामाती क्रिकेटर-
निवेथन, सिडनी में होमबश हाई स्कूल के नौवी का छात्र है. वह हर मामले में अद्वितीय है जब वह छह साल के थे तब उन्होंने बाएं हाथ से स्पिन करने लगे. वह दाएं हाथ से तेज गेंदबाजी व ऑफ-स्पिन, बाएं हाथ से स्पिन और सलामी बल्लेबाजी कर सकते हैं.
ऑस्ट्रलियाई दिगाज्जो ने सराहा-
निवेथन की बेहतरीन आलराउंडर परफोर्मेंस ने ऑस्ट्रेलिया के दिगज्जो कों तारीफ करने पर विवश कर दिया. ग्रेग चेपल, मार्क वॉघ, स्टीव वॉघ, अदि पूएव खिलाडियों ने निवेथान कों आने वाले समय का सितारा घोषित कर दिया है.
सचिन नही सर गेर्री को मानते है रोल मॉडल-
निवेथन सर गेर्री सोबर्स को अपना रोल मॉडल मानते है. उन्होंने कहा कि वह सचिन की टेकनिक पसंद करते है लेकिन उन्हें गेर्री की तरह आलराउंडर बनना है. मै उनको पूरी तरह से फालो करता हूँ.
पिता है कोच-
निवेथन के पिता भी क्रिकेटर रहे है वो चेन्नई की तरफ से अंडर 25 में खेलते थे. उन्होंने बताया कि मेरे पिता ही मेरे कोच है. उन्होंने मुझे अपना नेतुरल गेम खेलने की सलाह दी है .