अभी तक विश्व कप टूर्नामेंट के आधे मैच खत्म हो गए है. 45 दिन के इस टूर्नामेंट का फाइनल 14 जुलाई को लॉर्ड्स के मैदान पर खेला जाएगा. शनिवार को भारतीय टीम ने अफ़ग़ानिस्तान को एक और हार का स्वाद चखाया. मैन ओग द मैच बनने के साथ स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि वो मौजूदा समय में विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े गेंदबाज क्यों हैं.
कैसे माँ ने जसप्रीत बुमराह को बनाया यॉर्कर गेंदों मे माहिर
किसको पता था की चिलचिलाती धुप मे यह लड़का जो गली मे गेंदों को पटकता घूम रहा है, वो एक दिन अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दूसरी टीमों के बल्लेबाजों की नाक मे दम कर लेगा और चुटकियों मे उनके विकेट को गिरा देगा.
12 साल की उम्र मे जसप्रीत बुमराह अपने घर की दीवारों पर गेंद पटक के खेलते थे, इसके कारण उनकी मां सो नहीं पति थी. इसी वजह से एक दिन उन्होंने बुमराह के सामने एक शर्त रख दी की अगर वह घर मे खेलना चाहते है तो उनको बिना आवाज किये बिना गेंद खेलना पड़ेगा.
यह सुन कर बुमराह ने सोचा कि जहां दीवार और फर्श मिलते हैं, उस हिस्से पर गेंद टकराने की आवाज बेहद कम होती है. बुमराह ने उसी हिस्से पर गेंद फेंकना शुरू कर दिया और इस तरह यॉर्कर गेंदों का उनका अभ्यास भी शुरू हो गया. मां ने सोचा नहीं होगा कि उनका एक फैसला एक दिन भारत की खुशियों का कारण बनेगा.
इतनी कम उम्र मे बता दिया था माँ को अपना सपना
बुमराह मात्र 7 साल के थे जब उनके पिता जी उनको छोड़ के चले गए थे. उनकी माँ एक टीचर थी और उसी आमदनी से उन्होंने बुमराह और उनकी बहन का पालन पोषण किया.
14 वर्ष की उम्र मे बुमराह ने एक दिन अपनी मां को अपना सपना बताया और कहा कि, मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं. आम लोगों की तरह उनकी माँ ने भी बुमराह को यही समझाया कि इसमें ज्यादा मेहनत है और हर दूसरा आदमी आज क्रिकेट खेल रहा है, ऐसे मे क्रिकेट के उनका भविष्य धूमिल है.
पर बुमराह ने जब मां को यकीन दिलाया और बोला कि वह अपने बेटे पर विश्वास करें. जल्द ही उन्हें गुजरात क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित समर कैंप में चुना गया. फिर उसके बाद वे एमआरएफ पेस फाउंडेशन से भी जुड़े. कुछ वक्त बाद ही बुमराह को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के जोनल कैंप के लिए चुन लिए गए. आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलने के बाद वह सबके पसंदीदा खिलाड़ी बन गए.
अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन
कल के मैच को भारत के पक्ष मे करने का पूरा श्रेय जाता है तेज़ गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को. मैच के दौरान एक समय वो था जब अफ़ग़ानिस्तान की टीम 2 विकेट खो कर 106 रनों पर मजबूती से खड़ी थी.
इसके बाद विराट ने मैदान पर उतारा बुमराह को, बुमराह ने पहले रहमत शाह को अपनी बाउंसर से शिकार बनाया. रहमत शाह ने शॉर्ट गेंद पर युजवेंद्र चहल को विकेट दिया. दो गेंद बाद बुमराह ने हशमतुल्लाह शाहिदी को भी आउट कर भारत की मैच में वापसी करा दी.