ट्रिपल तलाक: तीन तलाक पर मोहम्मद कैफ ने व्यक्त की अपनी प्रतिक्रिया,गुस्साये लोगो ने दे डाली नसीहत 1

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रोल का शिकार हो गये। सामाजिक मुद्दों पर अपनी खुलकर राय रखने वाले कैफ ने इस बार तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एतिहासिक फैसले पर ट्वीटर पर अपनी राय व्यक्त की थी। जिसके बाद कुछ कट्टरपंथियों ने जमकर आलोचना करते हुए खूब खरी-खोटी सुनायी। साथ ही कुरान- हदीस को पढ़ने की नसीहत भी डे दाली।

मोहम्मद कैफ ने ट्रिपल तलाक पर किया था ट्वीट-

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक को अंसवैधानिक करार देने के बाद मुस्लिम समाज के अधिकतर लोगों ने खुशी जताई थी, जिसमें भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद कैफ भी एक थे। कैफ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए मुस्लिम महिलाओं के लिए हितकर बताया। साथ ही अपने आफिशियल ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा,“ सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक को अंसवैधानिक करार देने के फैसले का हम स्वागत करते हैं। यह फैसला मुस्लिम महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करेगा..!! लैंगिक आधार पर समानता की सख्त जरूरत थी….।”

 

सोशल यूजरों ने दी अपनी प्रतिक्रिया-

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https://twitter.com/BHAWESH261967/status/899953549475422209

https://twitter.com/pschaudhuri/status/899953089687547905

मोहम्मद कैफ के इस ट्वीट के बाद लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आयी। कुछ यूजरों ने कैफ की जमकर प्रंशसा करते उनके इस ट्वीट का स्वागत किया। एक यूजर ने लिखा कि,‘ कट्टर मुस्लिमों के इतर कैफ ने ट्रिपल तलाक का विरोध कर एक आधुनिक मुस्लिम इंसान का उदाहरण पेश किया। तो कुछ अन्य यूजरों ने चुटकी लेते हुए कहा कि,‘ भारत को स्वतंत्रता साल 1947 में मिली थी, वहीं मुस्लिम महिलाओं को असली आजादी 70 साल बाद आज के दिन मिली…!!’

कुछ यूजरों ने की जमकर आलोचना-

https://twitter.com/HamzaSaqmd/status/899949902066851840

कुछ अन्य यूजरों को मोहम्मद कैफ का यह ट्वीट रास नहीं आया और उन्हें जमकर भला-बूरा कहने लगे। एक यूजर ने अपनी नाराजगी दर्ज कराते हुए आलोचना की और कहा,‘आप किस आधार पर कह सकते हैं, कि मुस्लिम में लैंगिक आधार पर समानता नही हैं।‘

पहले भी ट्रोल का शिकार हुये थे-

मोहम्मद कैफ सोशल मीडिया पर इसके पहले भी निशाना बन चुके है। जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया पर योग दिवस के दिन योग करते हुए कई फोटो शेयर की थी। जिसके बाद लोगों ने योग को गैर इस्लामिक बताकर उनकी आलोचना करने लगे।