एक टीम में सबसे ज्यादा मायने अगर कोई रखता है तो वो होता है कप्तान, पर क्या भारतीय टीम के कप्तान के आगे किसी की भी नहीं चलती है सेलेक्टर्स की भी नहीं? ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि कल भारतीय टीम के वेस्टइंडीज टूर केलिए टीम का चयन किया गया कुछ युवा खिलाड़ियों को भी चुना गया पर कहीं न कहीं इसमें भारतीय टीम से ज्यादा रॉयल चैलेंजर बंगलोर के खिलाड़ी देखने को मिले इन तीन कारणों से यह साबित होता है की विराट कोहली के आगे किसी की भी नहीं चलती है.
1. वेस्टइंडीज दौरे पर केएल राहुल का फॉर्म में न होने के बावजूद टीम में चयन
इस विश्वकप में भले ही केएल राहुल को चुना गया हो क्योंकि उनका एकदिवसीय रिकॉर्ड अच्छा रहा है, उनको शिखर धवन की जगह सलामी बल्लेबाज का तबका दिया गया, पर विश्व कप की बात दूसरी थी उसमे तो भारतीय टीम वैसे भी सेमीफाइनल से बाहर आ गई थी. पर अब सबकी नजरें थी वेस्टइंडीज टूर पर और उसकी टीम पर .
बात अगर राहुल के पिछले दो साल के टेस्ट रिकॉर्ड की हो तो आप समझ जाएंगे की केएल राहुल इस टीम में कोई स्थान नहीं रखते थे. वर्ष 2018 में राहुल ने 12 मैच खेले है और उसमे 22 के औसत से 468 रन बनाए है सिर्फ 1 बार नाबाद रहे हैं.
वहीं वर्ष 2019 में उन्होंने 1 मैच खेला और उसमे 9 के औसत से सिर्फ 9 रन बनाए. केएल राहुल और विराट कोहली ने रिश्ते से तो सब वाकिफ हैं, इस रिकॉर्ड को देखने के बाद साफ़ समझ आ रहा है कि इनका रिश्ता टीम इंडिया पर ज्यादा भारी पड़ रहा है.