शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए पांच मैचों की वनडे सीरीज के तीसरे मैच में भारतीय क्रिकेट टीम ने एक जबरदस्त नायाब मिसाल पेश की थी। रांची में खेले गए इस मैच में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों ने पुलवामा आतंकी हमलें में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आर्मी केप पहनकर मैदान में उतरे।
आर्मी की केप पहनने को पाकिस्तान ने बताया राजनीतिकरण
भारतीय क्रिकेट टीम के द्वारा अपने देश की सेना के शहीद जवानों के लिए जिस तरह की मिसाल पेश की गई उससे तो कोई भी तारीफ करने से अपने आपको रोक नहीं सका।
लेकिन लगता है पाकिस्तान को ये बात पची नहीं। तभी तो भारतीय टीम के द्वारा आर्मी केप पहनने को लेकर अब पाकिस्तान मुद्दा बनाने में जुट गया है और इसे राजनीतिकरण करने की बात कर रहा है।
पाकिस्तान सरकार ने भारतीय टीम के कैप पहनने का जताया विरोध
पाकिस्तान ने एक बार फिर से शर्मनाक तरीके से इस बात को सामने रखा और आर्मी का सम्मान करने को भी राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने इस बात को मुद्दा बनाने की कोशिश दिखाते हुए ट्वीट किया और लिखा कि “ये सिर्फ क्रिकेट नहीं है। कैप पहनकर भारतीय टीम ने जेंटलमैन गेम का राजनीतिकरण किया है।”
पाकिस्तान के सूचना मंत्री चौधरी ने आगे कहा कि “अगर भारतीय टीम ये कैप पहनना बंद नहीं करती है तो पाकिस्तान की टीम को भी पाकिस्तान वाले कश्मीर में भारतीय अत्याचारों के बारे में दुनिया को याद दिलाने के लिए काली पट्टी बांधनी चाहिए।”
पाकिस्तान के पत्रकारों ने भी इसे बताया गलत
इतना ही नहीं भारतीय टीम के द्वारा आर्मी कैप पहनने को लेकर पाकिस्तान के पत्रकारों ओवैस तोहिद, मजहर अब्बास ने भी विरोध दर्ज किया है।
तौहिद ने कहा कि “विराट कोहली और एमएस धोनी जैसे महान खिलाड़ियों के साथ भारतीय क्रिकेट टीम में युद्ध उन्माद देखने के लिए दुखी हैं।”
तो वहीं मजहर अब्बास ने इसे भारतीय टीम के सैन्यीकरण की संज्ञा दी है। लिखा कि “खेल तनाव को कम कर सकते हैं लेकिन इस तरह नहीं। राजनीति में इन राजनीतिज्ञों को ना खींचे”
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