ऑस्ट्रेलियाई टीम के बस पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान ने दिखाया अपना असली चेहरा, किया आईसीसी से ये नापाक मांग 1

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही तीन मैचों की टी-20 सीरीज के गुवाहटी में खेले गए दूसरे मैच के बाद ऑस्ट्रेलिया के साथ शर्मनाक घटना हुई। ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत पर गुवहाटी टी-20 मैच में जीत के बाद होटल के लिए लौट रही थी कि रास्ते में भारत की हार से बौखलाए क्रिकेट प्रशंसकों ने ऑस्ट्रेलिया की टीम पर पर पत्थर से हमला किया, जिसमें बस की खिड़की के शीशे टूट गए।

ऑस्ट्रेलियाई टीम के बस पर हुए हमले के बाद पाकिस्तान ने दिखाया अपना असली चेहरा, किया आईसीसी से ये नापाक मांग 2

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भारत में ऑस्ट्रेलिया की टीम पर हमलें को लेकर पाकिस्तानियों ने कर दी ये नापाक मांग

इस घटना के बाद चौतरफा आलोचना की जा रही है। भारत के साथ ही विश्व के और भी दिग्गज हमलें की निंदा कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी ये मुद्दा लगातार बढ़ता जा रहा है, जो पाकिस्तान तक पहुंच गया है। पाकिस्तान के क्रिकेट प्रशंसकों में भारत में हुए हमलें को लेकर तरह-तरह की बाते की जा रही है।

पाकिस्तानी क्रिकेट प्रशंसको ट्वीट कर आईसीसी से भारत में इंटरनेशनल क्रिकेट को बैन कराने तक की मांग करने लगे है। वैसे देखा जाए तो ये पाकिस्तानीयों की निराशा है, क्योंकि पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियो के कारण पिछले कई सालों से इंटरनेशनल क्रिकेट का आयोजन नहीं हो पा रहा है।

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ऑस्ट्रेलिया के एरोन फिंच ने ट्वीट कर दी हमलें की जानकारी

भारत में असम के गुवाहटी में ऑस्ट्रेलियाई टीम पर हमला किया गया। इस हमलें के बाद ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज एरोन फिंच ने ट्वीटर के जरिए फोटो को शेयर कर अपनी टीम की बस पर पत्थर से हुए हमले की जानकारी दी।

वैसे तुरंत प्रभाव से पुलिस ने दो संदिग्धो को हिरासत में ले लिया है। वहीं ऑस्ट्रेलिया टीम की बस पर हुए हमलें को लेकर पूरा प्रशासन दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कह रही है।

असम क्रिकेट एसोसिएशन ने ऑस्ट्रेलियाई टीम पर हमले के लिए मांगी थी माफी

ऑस्ट्रेलियाई टीम की बस पर पत्थर से हुए हमलें को लेकर असम क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हिमान्ता विश्व सरन ने ऑस्ट्रेलियाई टीम से माफी मांगी।

हिमान्ता विश्व सरन ने ट्वीट कर लिखा कि “हमारी गहरी संवेदना है। वैसे असम के लोग इस तरह के व्यवहार का समर्थन नहीं करते हम दोषियों को कड़ी सजा देंगे।”

इसके साथ ही इस हमले को लेकर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनवाल और केन्द्रिय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी आलोचना की और दोषियों पर सख्त कार्यवाही करने की बात की।