2003 विश्वकप में जवागल श्रीनाथ ने भारतीय टीम के लिए एक अहम भूमिका निभाई थी और भारत की उस विश्व कप में लगातार 8 जीत पर अपना एक बड़ा योगदान दिया था. श्रीनाथ ने भारतीय टीम के लिए 67 टेस्ट मैच व 229 वनडे मैच खेले. जिसमे श्रीनाथ ने टेस्ट में 236 व वनडे में 315 विकेट लिए है. वह भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में से एक है.
पार्थिव पटेल ने की जवागल श्रीनाथ की तारीफ
इसी बीच भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने अपने एक बयान में जवागल श्रीनाथ की जमकर तारीफ की है. रैडिफ डॉट कॉम से बात करते हुए पार्थिव पटेल ने अपने एक बयान में कहा, “जब मेरी पहली सीरीज में जहीर खान और जवागल श्रीनाथ खेल रहे थे, तो उनके खिलाफ विकेटकीपिंग करना मेरे लिए एक बड़ी चुनौती थी.
पिच में ज्यादा उछाल नहीं था. भारत में आपको विदेशों के मुकाबले विकेट के अधिक करीब खड़ा होना पड़ता है, तो मैंने यह सीखा कि जब गेंद रिवर्स स्विंग हो रही हो तो आपको कहां खड़े होना है.”
श्रीनाथ अच्छी रफ्तार, उछाल, सही लाइन पर गेंदबाजी करते
श्रीनाथ की तारीफ करते हुए पार्थिव पटेल ने आगे अपने बयान में कहा, “लोग ग्लेन मैक्ग्रा के बारे में बात करते हैं, लेकिन जब मैंने पहली बार जवागल श्रीनाथ के खिलाफ विकेटकीपिंग की तो महसूस किया कि वह अच्छी रफ्तार और उछाल के साथ बिलकुल सही लाइन पर गेंदबाजी कर रहे थे.
श्रीभाई (श्रीनाथ) अपनी आखिरी सीरीज खेल रहे थे. इसके बाद उन्होंने कोई टेस्ट मैच नहीं खेला. अपनी आखिरी सीरीज में भी उन्होंने अच्छी रफ्तार और सटीकता से गेंदबाजी की.”
क्रिकेट से संन्यास लेकर मैच रैफरी की भूमिका निभा रहे श्रीनाथ
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद जवागल श्रीनाथ ने अपनी दूसरी पारी एक मैच रैफरी के तौर पर शुरू की है. उन्होंने मैच रैफरी के तौर पर अपना पहला मैच कोलंबो में 2006 में श्रीलंका और साउथ अफ्रीका के बीच हुए एक टेस्ट मैच से शुरूआत की थी. वह एक बहुत अच्छे मैच रैफरी माने जाते हैं और अपने इस प्रोफेशन में भी वह काफी बढ़िया काम कर रहे हैं.