दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों को अगर वर्तमान में सबसे ज्यादा क्रिकेट की किन्ही दो टीमों के बीच दिपक्षीय सीरीज का इंतेजार है, तो वह भारत और पाकिस्तान की सीरीज का है.
हालाँकि इस सीरीज के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) तो पूरी तरह तैयार है और कब से बीसीसीआई को मानाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बीसीसीआई को सरकार की अनुमति ना होने के कारण बीसीसीआई पाकिस्तान से द्विपक्षीय सीरीज खेलने से इंकार कर रहा है.
समझौता के अनुसार खेली जानी थी सीरीज
समझौता ज्ञापन के अनुसार पाकिस्तान और भारत को 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलना थी, लेकिन भारत ने अभी तक एक भी श्रृंखला नहीं खेली है, क्योंकि सरकार ने बीसीसीआई को पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट संबंधों को मंजूरी नहीं दी है.
सीरीज ना होने पर की थी मुआवजे की मांग
अब पीसीबी मुआवजे को लेकर गई आईसीसी के पास
बीसीसीआई द्वारा सीरीज का आयोजन ना कराए जाने को लेकर अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने बीसीसीआई के खिलाफ मुआवजे के दावे के मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पास चली गई है.
पीसीबी ने अपनी ये समस्या आईसीसी की ‘विवाद समाधान समिति’ के सामने रखने का फैसला किया है. जिसके लिए पीसीबी के अध्यक्ष, नजम सेठी और पीसीबी के मुख्य परिचालन अधिकारी सुभान अहमद भी इस उद्देश्य से लिए लंदन गए हैं.
मुआवजे का दावा जीतने की बहुत अच्छी संभावनाएं
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पीसीबी के एक अधिकारी ने अपने एक बयान में इस मुद्दे को लेकर कहा,
“हमने बीसीसीआई को मुआवजे का नोटिस भेजा था, लेकिन उसने हमें इसका कोई सही जवाब नहीं दिया, इसलिए अब हम आईसीसी के पास जाकर इसे कानूनी तरीके से हासिल करना चाहते है. बीसीसीआई द्वारा समझौते के अनुसार कोई भी द्विपक्षीय सीरीज ना कराए जाने के बाद हमारा मुआवजे का दावा जीतने की बहुत अच्छी संभावनाएं हैं.”
वैसे आपको बता दे, कि खबरे यह भी है, कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कानूनी तरीके से मुआवजा लेने के लिए प्रोत्साहित पाकिस्तान की सरकार ने किया है और कानूनी तरीके से लड़ने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को 1 मिलियन डॉलर की मदद भी की है.