एनएससीएल के माध्यम से चुने गए खिलाड़ियों को मिलेगा वैश्विक प्लेटफार्म 1

नई दिल्ली, 2 जून; स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) ने स्कूली क्रिकेट प्रतिभाओं के लिए एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म तैयार किया है। एसजीएफआई ने इस अखिल भारतीय प्लेटफार्म को नेशनल स्कूल क्रिकेट लीग (एनएससीएल) नाम दिया है। पहली बार आयोजित हो रहे इस लीग के माध्यम से चुने जाने वाले 16 श्रेष्ठ खिलाड़ियों को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एशियाई स्कूल क्रिकेट चैम्पियनशिप में अपनी चमक दिखाने का मौका मिलेगा।

एसजीएफआई की इस लीग में देश भर से 16 खिलाड़ियों से युक्त 16 टीमें हिस्सा लेंगी। इसके लिए एसजीएफआई ने 20 शहरों- लखनऊ, कानपुर, आगरा, हरियाणा, हैदराबाद, पुणे, मुम्बई, चंडीगढ़, दिल्ली, देहरादून, बेंगलुरू, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, अहमदाबाद, चेन्नई, नोएडा, इंदौर, वाराणसी और इलाहाबाद को ट्रायल्स के लिए चुना है। इसमें 12 से 18 साल के खिलाड़ी शिरकत कर सकते हैं।

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ट्रॉयल्स की शुरूआत चंडीगढ़ और जयपुर से होंगे। ट्रॉयल्स के माध्यम से हर शहर से 16 खिलाड़ियों के अलावा एसजीएफआई पैनल चार स्टैंडबाई खिलाड़ियों का भी चयन करेगा। एशियन चैम्पियनशिप में हिस्सा लेने वाले 16 खिलाड़ियों का चयन लीग में चमकदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से ही किया जाएगा। प्रतिभा को प्राथमिकता दी जाएगी।

लीग में ग्रुप स्तर पर प्रत्येक टीम को तीन-तीन मैच खेलने हैं और अगर कोई टीम आगे नहीं जा पाती है और उसका कोई खिलाड़ी अपने प्रतिभा से चयनकताओर्ं को प्रभावित करने में सफल रहता है तो वह नेशनल कैम्प के लिए चुने जाने वाले 24 खिलाड़ियों में जगह बना सकता है। ये खिलाड़ी नेशनल कैम्प में हिस्सा लेंगे और फिर इनमें से 16 ऐसे खिलाड़ियों का चयन होगा, जो यूएई में होने वाली एशियाई स्कूल क्रिकेट चैम्पियनशिप में एसजीएफआई के बैनर तले भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

खिलाड़ियों के चयन के लिए पूरी सावधानी बरती जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रतिभा का पूरा सम्मान हो। इसके लिए एसजीएफआई ने भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और चयन समिति के अध्यक्ष दिलीप वेंगसरकर को मेंटॉर के तौर पर अपने साथ जोड़ा है।

एसजीएफआई के संयुक्त सचिव और एनएससीएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप मिश्रा ने कहा, “हम अपनी व्यापक मशीनरी का उपयोग करते हुए देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए बेहतरीन टैलेंट को यूएई भेजेंगे। एनएससीएल स्कूली छात्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहां से वे अपनी चमक दुनिया भर में बिखेर सकेंगे। साथ ही इन खिलाड़ियों के पास वल्र्ड चैम्पियनशिप में भी खेलने का मौका है, जिसके आयोजन को लेकर हम गम्भीरता से विचार कर रहे हैं।”

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वेंगसरकर ने कहा, “एसजीएफआई के माध्यम से एनएससीएल की चमक देश के कोने-कोने में दिखेगी और इससे निकलने वाले स्कूली खिलाड़ी वैश्विक प्लेटफार्म पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाएंगे क्योंकि हमारे देश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, बस उसे सही तरीके से चुनने और निखारने की जरूरत है। स्कूल क्रिकेट हमेशा से बड़ा प्लेटफार्म रहा है। सचिन तेंदुलकर और विनोद काम्बली जैसे खिलाड़ी स्कूली क्रिकेट से ही चमके और फिर स्टार बने। हमारे स्कूलों में अपार प्रतिभा है, बस उसे सही दिशा में संचालित करने की जरूरत है।”