फ्लड्स लाइट्स के नीचे पिंक बॉल के सही से दिखने पर उठे सवाल, एक ही टेस्ट में कई बल्लेबाजों को किया घायल 1

कोलकाता के ऐतिहासिक मैदान ईडन गार्डन मैदान भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास के पहले डे-नाइट टेस्ट मैच का गवाह बना। भारत और बांग्लादेश के बीच खेली गई दो मैचों की टेस्ट सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच कोलकाता में खेला गया जहां भारतीय टीम ने पिंक बॉल टेस्ट मैच अपने नाम किया।

पिंक बॉल के पहले टेस्ट में जीता भारत, लेकिन खड़े किए सवाल

भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में आखिरकार लंबे इंतजार और हां-ना के बीच डे-नाइट टेस्ट मैच का आगाज को किया लेकिन ये इसके साथ एक नए सवाल को जन्म दे गया।

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क्या वाकई में दुधिया रोशनी और सफेद पोशाक में पिंक गेंद से डे-नाइट टेस्ट मैच सही होगा। क्योंकि भारत के इस पहले डे-नाइट टेस्ट मैच में तो पिंक बॉल अपने कारनामें के कारण सवाल खड़ा कर गई।

पहले पिंक बॉल टेस्ट में कई बल्लेबाज घायल

भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए इस डे-नाइट टेस्ट तीसरे दिन के पहले ही घंटे में खत्म हो गया। इस पूरे मैच में खेली गई तीन पारियों में करीब 160 ओवर का खेल हुआ जिसमें 29 विकेट गिरे। इससे साफ पता चलता है कि पिंक बॉल तेज गेंदबाजों के लिए तो खुश होने का मौका है लेकिन बल्लेबाजों से सवाल पूछ रही है।

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तभी तो इस मैच में इस पिंक गेंद से एक या दो नहीं बल्कि 3 बांग्लादेशी खिलाड़ियों को घायल कर पैवेलियन भेजने में कामयाब रही। बांग्लादेश के बल्लेबाज लिटन दास, नईम इस्लाम और महमुदुल्लाह चोटिल हुए तो वहीं मोहम्मद मिथुन बाल-बाल बचे।

दुधिया रोशनी में पिंक बॉल नहीं है आसां

इसके अलावा भी पिंक बॉल की बाउंस ने दूसरे बल्लेबाजों के सामने भी इस दुधिया रोशनी में खूब सवाल पूछे। यानि साफ है कि पिंक गेंद को फ्लड लाइट्स के नीचे खेलना इतना आसान नहीं है जो एक तरह से पिंक बॉल की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही है।

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पुजारा ने भी किया स्वीकार, पिंक बॉल है मुश्किल

भारत के सबसे प्रमुख टेस्ट बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने भी दूसरे दिन के खेल के बाद माना कि लाइट्स के नीचे इस गेंद को खेलना आसान नहीं है। पुजारा ने कहा कि

“मुझे लगता है कि खेल में पिंक बॉल और फ्लड लाइट की अहम भूमिका है। एक बल्लेबाज के लिए गेंद को बल्ले पर कनेक्ट करना इतना आसान नहीं है। विशेषकर तब जब तेज गेंदबाज गेंद को शॉर्ट फेंकते हैं। जहां तक मैं बल्लेबाजों को जानता हूं प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी पिंक बॉल से नहीं खेला है इसलिए ये आसान नहीं है।”

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इसके आगे पुजारा ने कहा कि

पहले सेशन में बल्लेबाजी करना था लेकिन मुझे लगता है कि रोशनी में गेंद कुछ ज्यादा ही स्विंग करने लगता है। सूरज की रोशनी में गेंद को देखना आसान होता है। फिर चाहे वो गुलाबी हो या लाल। मुझे नहीं लगता है कि हमारे बल्लेबाजों को कोई टेक्निक समस्या आ रही है।”